बाबा केदार के द्वार 21 अक्टूबर और बद्रीनाथ के 19 नव. को होंगे बंद
द्वादश ज्योतिर्लिग भगवान केदारनाथ, तृतीय केदार तुंगनाथ व द्वितीय केदार भगवान मद्महेर धाम के कपाट बंद होने की तिथि विजयदशमी पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थलों में पंचाग गणना के अनुसार घोषित कर दी गई है.
बाबा केदार के द्वार 21 अक्टूबर और बद्रीनाथ के 19 नवम्बर को होंगे बंद |
भगवान केदारनाथ के कपाट 21 अक्टूबर को सुबह आठ बजे वृष लग्न में शीतकाल के लिए बन्द कर दिए जाएंगे.
केदारनाथ के कपाट बन्द होने के बाद चल विग्रह डोली धाम से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए 23 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेर मन्दिर ऊखीमठ में विराजमान होगी.
तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट 27 अक्टूबर सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर वृष लग्न में शीतकाल के लिए बन्द कर दिए जाएंगे. कपाट बन्द होने के बाद भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह डोली धाम से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए 30 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल मक्कमठ में विराजमान होगी.
बदरीनाथ के कपाट 19 नवम्बर को होंगे बंद
बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए 19 नवम्बर को बंद होंगे. इस मौके पर अगले वर्ष के लिए हक-हकूक समाज के बारीदारों को पगड़ी पहनाई गई. कलियुग पापाहारी भगवान श्री हरिनारायण के कपाट शीतकाल के लिए कपाट बंद होने की तिथि शनिवार को विधिवत घोषित की गई. भगवान बदरी-विशाल के कपाट बंद होने का मुहूर्त विजयादशमी पर्व पर तय किए जाने की परंपरा है.
विजयादशमी पर्व पर बदरीनाथ मंदिर के परिक्रमा परिसर मे आयोजित धार्मिक समारोह में श्री बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी आचार्य भुवनचंद्र उनियाल ने मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की मौजूदगी तथा आद्य शंकराचार्य की पवित्र गद्दी को साक्षी मानते हुए पंचांग गणना के बाद भगवान बदरीनारायण के कपाट शीतकाल के छह माह बंद होने की तिथि घोषित की. पंचांग गणना के अनुसार रविवार 19 नवम्वर को सायं 7.28 मिनट पर भगवान श्री हरिनारायण के कपाट शीतकाल के छह महीनों के लिए बंद होंगे.
इस मौके पर परंपरानुसार हक-हकूकधारी समाज के बारीदारों को अगले वर्ष के लिए पगड़ी पहनाकर जिम्मेदारी दी गई. अगले वर्ष के लिए कमदी थोक से रूपेश पंवार, मेहता थोक से मनीष सनवाल व कुलदीप सनवाल तथा भंडारी थोक मनोज भंडारी को पगड़ी पहनाकर बारीदार नियुक्त किया गया.
कपाट बंद किए जाने की तिथि घोषित किए जाने के धार्मिक समारोह मे मुख्य पुजारी रावल ईरन नंबदूरी, अपर धर्माधिकारी आचार्य सत्य प्रसाद चमोला, मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह, मंदिर अधिकारी भूपेंद्र मैठाणी, लेखाधिकारी सुनील तिवारी, भाजपा मंडल अध्यक्ष किशोर पंवार, नगर पंचायत सलाहकार समिति के अध्यक्ष अरविंद शर्मा, कमदी थोक के अध्यक्ष गोविंद सिंह पंवार, मेहता थोक के अध्यक्ष बलदेव मेहता, भंडारी थोक के अध्यक्ष जगतसिंह भंडारी, बीकेटीसी के सदस्य नरेशानंद नौटियाल, जयदीप मेहता, शिव सिंह रावत, डा सुदर्शन भंडारी, सुधीर मेहता व जगदीश पंवार सहित देशभर के तीर्थयात्री मौजूद थे
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