अखिलेश अगर मेरी नहीं सुनेंगे तो उनके खिलाफ लड़ाई लडूंगा: मुलायम
‘साइकिल की सवारी’ को लेकर चुनाव आयोग में जारी लड़ाई के बीच समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को अपने मुख्यमंत्री पुत्र अखिलेश यादव पर नाराजगी व्यक्त की.
![]() मुलायम सिंह यादव (फाइल फोटो) |
मुलायम ने कहा कि उन्होंने पार्टी खड़ी करने के लिये बहुत कुर्बानियां दी हैं, लेकिन अखिलेश मनमानी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कई वरिष्ठ मंत्रियों को बेवजह बर्खास्त कर दिया.
उन्होंने अखिलेश को ‘मुस्लिमों के प्रति नकारात्मक रवैया’ रखने वाला नेता करार देते हुए कहा कि मुसलमानों के हित का सवाल आया तो वह अपने बेटे के खिलाफ भी लड़ने से नहीं हिचकेंगे.
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि मुलायम ने सपा राज्य मुख्यालय में कार्यकर्ताओं से कहा कि वह हमेशा से मुस्लिमों के हितों के पैरोकार रहे हैं, जब उन्होंने जावीद अहमद के रूप में एक मुसलमान को राज्य का पुलिस महानिदेशक बनवाया था तो अखिलेश ने नाराजगी के कारण उनसे 15 दिन तक बात नहीं की थी. अखिलेश नहीं चाहते थे कि कोई मुसलमान इस राज्य का पुलिस प्रमुख बने. इससे यह संदेश गया कि मुख्यमंत्री मुस्लिम विरोधी हैं.
सपा संस्थापक ने गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश मुसलमानों के प्रति ‘नकारात्मक रवैया’ रखते हैं.
उन्होंने कहा कि अखिलेश सपा से निष्कासित रामगोपाल यादव के हाथों में भाजपा जैसी साम्प्रदायिक पार्टी के इशारे पर खेले जा रहे हैं.
मुलायम ने कहा ‘‘मैं मुसलमानों के लिये जिऊंगा और उन्हीं के लिये मर भी जाऊंगा. अगर मुसलमानों के हितों के संरक्षण की बात हुई तो मैं अपने बेटे के खिलाफ भी लड़ूंगा.’’
सपा संस्थापक ने संकेत दिये कि चुनाव आयोग में अगर चुनाव निशान ‘साइकिल’ को लेकर जारी लड़ाई में उनके माफिक फैसला नहीं होगा तो वह अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. उन्होंने कहा ‘यह लड़ाई अदालत तक जाएगी.’
इसके पूर्व, मुलायम अपने आवास से निकलकर सपा दफ्तर के गेट पर पहुंचे लेकिन अंदर जाने के बजाय वह वहां से निकलकर अपने छोटे भाई शिवपाल यादव के घर पहुंचे और फिर सपा कार्यालय जाकर बंद सभाकक्ष में कार्यकर्ताओं से बात की. इस दौरान मीडिया को दूर रखा गया.
सबसे दिलचस्प बात यह रही कि मुलायम ने अखिलेश गुट द्वारा सपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाये गये नरेश उत्तम पटेल को भी बैठक में बुलाया.
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