समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर आज होगा फ़ैसला

Last Updated 16 Jan 2017 09:12:33 AM IST

निर्वाचन आयोग ने समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' को आवंटित करने पर अपना फैसला सुरक्षित रखा. चुनाव आयोग अपना फैसला आज दे सकता है.


समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न 'साइकिल' पर आज होगा फ़ैसला

फैसले पर निर्भर करेगा कि इस बार मतदाताओं को यूपी चुनाव में साइकिल चुनाव चिन्ह का बटन दबाने का मौका मिलेगा या नहीं. चुनाव आयोग के सूत्रों से जो खबर मिल रही है  उसके मुताबिक, ना तो मुलायम गुट ही साइकिल की सवारी कर पाएगा और ना ही अखिलेश गुट.
 
सूत्रों से जो खबरें आ रही हैं उसके मुताबिक तो चुनाव आयोग ने तो मान लिया है कि समाजवादी पार्टी टूट चुकी है. मुलायम शुक्रवार को चुनाव आयोग में अपना दावा ठोंकने पहुंचे थे.

शुक्रवार को हुई सुनवाई की संक्षिप्त जानकारी देते हुए अधिवक्ता गौरी ने कहा, "मुलायम जी ने कहा कि शुरुआत से ही वह पार्टी के वैधानिक अध्यक्ष हैं, इसलिए कोई भी व्यक्ति अवैधानिक रूप से सम्मेलन बुलाकर उन्हें उनके पद से नहीं हटा सकता है."

गौरी के अनुसार, मुलायम ने आयोग से कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक वह उसके पदस्थ अध्यक्ष हैं.

अधिवक्ता ने कहा कि मुलायम के पुत्र और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से कहा कि यह अखिलेश की पार्टी है.



आयोग में सुनवाई के बाद सिब्बल ने भी संवाददाताओं से कहा कि आयोग ने दोनों गुटों की बातें सुनीं और किसी एक पक्ष को चुनाव चिन्ह देने को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया.

उधर, मुख्यमंत्री के वकील सुमन राघव ने कहा, "मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के समक्ष हमारे अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हमारा पक्ष प्रस्तुत किया है. उन्होंने आयोग को सूचित किया कि पार्टी के अधिकांश सांसद और विधायक अखिलेश के साथ हैं, इसलिए साइकिल चुनाव चिन्ह हम लोगों को मिलना चाहिए."

राघव ने कहा, "हम आश्वस्त हैं कि निर्णय हमारे पक्ष में होगा."

सुनवाई के लिए हालांकि मुख्यमंत्री यहां नहीं आए थे, लेकिन उनके सिपहसलार रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, किरणमय नंदा और नीरज शेखर उपस्थित थे.

मुलायम के साथ उनके भाई शिवपाल यादव, आशु मलिक और संजय सेठ थे.

निर्वाचन आयोग में शुक्रवार को सुनवाई करीब चार घंटे तक चली.

समय लाइव डेस्क


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