'विदेशी हाथों' में जाने वाले मुनाफे का आतंकवाद और धर्मांतरण के लिए होता है इस्तेमाल : योगी

Last Updated 05 Aug 2025 03:50:33 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को अपनाने का आह्वान करते हुए मंगलवार को दावा किया कि दूसरे देशों में निर्मित सामान खरीदने पर ‘विदेशी हाथों’ में जाने वाले मुनाफे का इस्तेमाल भारत में आतंकवाद, नक्सलवाद, धर्मांतरण और लव जिहाद फैलाने के लिए किया जाता है।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

अलीगढ़ में 958 करोड़ रुपए की 186 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का पुरजोर आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ''हमारा पैसा अगर हमारे ही कारीगरों और हस्तशिल्पियों के पास जाएगा तो यह विकास और समृद्धि का आधार बनेगा, लेकिन अगर हमारा ही पैसा विदेशी हाथों में जाएगा तो याद रखना, वह मुनाफा आतंकवाद के रूप में, धर्मांतरण के रूप में, विस्फोट के रूप में भारत को अस्थिर करने के लिए भारत के खिलाफ ही इस्तेमाल किया जाएगा। इसलिए स्वदेशी आज की आवश्यकता है।''

अमेरिका द्वारा भारत पर भारी टैरिफ लगाने के ऐलान के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत दो अगस्त को वाराणसी में स्वदेशी अपनाने के आह्वान के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बयान दिया है।

आदित्यनाथ ने कहा, ''याद रखना, वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में जब कोई पर्व और त्यौहार आता था तो उससे पहले प्रदेश में चीन के सामान छा जाया करते थे लेकिन 2018 के बाद जब ‘एक जिला-एक उत्पाद’ की योजना को हम लोगों ने लागू किया तो हमारे कारीगरों ने बाजार की मांग के अनुसार आइटम बनाने शुरू किये।''

उन्होंने किसी देश का नाम लिये बगैर कहा, ''मुनाफा विदेशी हाथों में चला जाएगा तो आतंकवाद को, नक्सलवाद को, धर्मांतरण को, लव जिहाद को यह पैसा उपलब्ध करवा कर हमारा ही पैसा हमारे खिलाफ कैसे इस्तेमाल होता है, इसका नजारा हम लोगों ने आजादी के पहले भी देखा है और उसके बाद भी लगातार देख रहे हैं।’’

योगी ने कहा, ‘‘इसलिए प्रधानमंत्री ने जो स्वदेशी का आह्वान किया है, हमारा प्रयास होना चाहिए कि चाहे दैनिक जीवन हो या पर्व अथवा त्यौहार हो, हम स्वदेशी को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं।''

मुख्यमंत्री ने कहा, ''स्वदेशी कभी देश के अंदर भारत की स्वाधीनता का आधार बना था। स्वदेशी को लेकर कभी लोगों ने बापू (महात्मा गांधी) के सपने को साकार करने के लिए उनके आह्वान पर देश के अंदर अलग-अलग आंदोलन प्रारंभ किए थे। आज हमारी आवश्यकता है कि हम नौ अगस्त को रक्षाबंधन, 16 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और उसके बाद दो अक्टूबर को विजयादशमी और फिर दीपावली व अन्य त्यौहारों पर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएं।'' 

भाषा
अलीगढ़ (उप्र)


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