मऊ विधानसभा सीट को लेकर सुभासपा अध्यक्ष राजभर का बड़ा बयान, कहा- हमारी पार्टी लड़ेगी उपचुनाव

Last Updated 02 Jun 2025 12:36:01 PM IST

बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे और विधायक रहे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई है। इसी के साथ अब्बास अंसारी की विधायकी भी चली गई और मऊ विधानसभा सीट भी खाली हो गई।


उत्तर प्रदेश की मऊ सीट से अपने विधायक अब्बास अंसारी को भड़काऊ भाषण के मामले में दो साल की कैद की सजा सुनाए जाने के कारण उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त किये जाने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने सोमवार को कहा कि यह उसकी सीट है और वह इसके लिए होने वाला उपचुनाव लड़ेगी।

सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने सोमवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "वह सीट हमारी है.... उस पर हमारी पार्टी (उपचुनाव) लड़ेगी।"

अब्बास अंसारी वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन के तहत सुभासपा के टिकट पर मऊ सदर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे। नफरत भारत भाषण देने के आरोप में अदालत द्वारा 2 साल कैद की सजा सुनाई जाने के चलते उन्हें विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब यह सीट रिक्त घोषित कर दी गई है।

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अगर अदालत किसी सदस्य को दो साल या उससे ज्यादा की सजा सुनाती है तो उसकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने का प्रावधान है। सुभासपा वर्तमान में सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की सहयोगी है और पार्टी अध्यक्ष राजभर राज्य में कैबिनेट मंत्री हैं।

अंसारी को लेकर पार्टी के अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर राजभर ने कहा, "अगर वह अदालत जाते हैं, तो पार्टी उनके साथ है। फिलहाल उच्च न्यायालय में छुट्टियां हैं और वह एक महीने के लिए बंद रहेगा।"

अब्बास अंसारी को अयोग्य ठहराए जाने के बाद 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा में सुभासपा के पांच विधायक रह जाएंगे।

राजभर ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जनता के प्रत्यक्ष वोटों से कराने के बारे में राजभर ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है।

उन्होंने कहा, "इन पदों पर चुनाव के लिए धन और बाहुबल के इस्तेमाल से बचने के लिए सीधे जनता से चुनाव कराने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।"

वर्तमान में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जिला पंचायत के सदस्य करते हैं। इसी तरह ब्लॉक सदस्य अपने ब्लॉक प्रमुख का चुनाव करते हैं। इन चुनावों में धन और बाहुबल के इस्तेमाल के आरोप लगते हैं।
 

भाषा
लखनऊ


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