Greater Noida में नई स्कीम, यमुना अथॉरिटी की योजना लॉन्च

Last Updated 05 Oct 2023 05:40:20 PM IST

उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी व देश के ग्रोथ इंजन के तौर पर स्थापित करने के साथ ही योगी सरकार प्रदेश को देश का कमर्शियल हब बनाने पर भी फोकस कर रही है। इसी क्रम में ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्रियल यूनिट लगाने वाले निवेशकर्ताओं को एक खास स्कीम के जरिए उद्योग के अतिरिक्त भूमि के कमर्शियल उपयोग की भी अनुमति दी जाएगी।


Greater Noida में नई स्कीम, यमुना अथॉरिटी की योजना लॉन्च

स्कीम में औद्योगिक भूखंडों का आवंटन होगा, जिसमें भूखंड प्राप्त करने वाले कोर इंडस्ट्रियल ऑपरेशंस के अलावा दो कमर्शियल फैसिलिटीज का भी इन भूखंडों पर संचालन कर सकेंगे। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने सेक्टर 24 के प्लॉट नंबर 11-ए व बी, 12, 15 व 21-बी के औद्योगिक भूखंडों में 5 कैटेगरी की प्लॉटिंग्स के लिए आवेदन मांगे हैं। 28 सितंबर से शुरू हुई इस प्रक्रिया के अंतर्गत 80 से लेकर 151 करोड़ रुपए के बीच प्लॉट्स का प्रीमियम निर्धारित किया गया है। जबकि, रेट ऑफ अलॉटमेंट 15,850 से 16,000 रुपए के बीच रखी गई है।

इसमें वर्ल्ड क्लास फैसिलिटीज का मिलेगा लाभ। उल्लेखनीय है कि जेवर एयरपोर्ट, इंटरनेशनल फिल्म सिटी, यमुना एक्सप्रेसवे व बुद्ध सर्किट से निकटता के कारण बेहतर कनेक्टिविटी और पॉड ट्रांजिट सिस्टम के रूप में भारत में अपनी तरह की पहली विश्व स्तरीय परियोजना समेत तमाम सुविधाओं का लाभ प्लॉट लेकर इंडस्ट्रियल यूनिट लगाने वालों को मिलेगा। इस परियोजना में प्लॉट्स लेने के इच्छुक आवेदक 20 अक्टूबर 2023 तक अप्लाई कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए यीडा की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन कर सकते हैं।

यीडा की वेबसाइट पर मिक्स्ड लैंड यूज इंडस्ट्रियल प्लॉटिंग स्कीम के बारे में जारी की गई जानकारियों में प्लॉट्स के क्षेत्रफल, सेक्टर समेत कुल प्रीमियम के बारे में जानकारी दी गई है। ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 24 में प्लॉट नंबर 11-ए व बी, 12, 15 व 21-बी में 5 कैटेगरीज की प्लॉटिंग्स के आवेदन मांगे गए हैं। इन प्लॉट्स में प्रिफरेंशियल लोकेशन चार्ज 5 से 10 प्रतिशत के बीच रखा गया है। जबकि, टोटल प्रीमियल प्राइस (पीएलसी के साथ) 80.32 करोड़ रुपए से लेकर 151.82 करोड़ रुपए के बीच रखी गई है।

खास बात यह है कि स्कीम से भूखंड प्राप्त करने वाले आवेदनकर्ताओं को कम से कम निर्धारित भूखंड के 75 प्रतिशत हिस्से को कोर इंडस्ट्रियल रीजन के तौर पर इस्तेमाल में लाना होगा। जबकि, अन्य क्षेत्र का इस्तेमाल वह अधिकतम 2 कमर्शियल रीजंस के तौर पर कर सकता है। वहीं, कोर इंडस्ट्रियल रीजन के अतिरिक्त निर्धारित जगह का इस्तेमाल रेजिडेंशियल व कल्चरल फैसिलिटीज के तौर पर भी किया जा सकता है। कुल भूखंड के कम से कम 5 प्रतिशत भूमि का इस्तेमाल फैसिलिटीज व यूटिलिटीज के लिए, 8 प्रतिशत का इस्तेमाल कमर्शियल मद में व रेजिटेंशियल मद में कम से कम 12 प्रतिशत भूमि का उपयोग करना होगा।

इस परियोजना के आवेदन समेत बैंकिंग ऑपरेशंस को अंजाम देने के लिए यीडा ने बैंक ऑफ बड़ौदा से हाथ मिलाया है और वह बतौर एक्सक्लूसिव बैंकिंग पार्टनर परियोजना में हिस्सेदारी निभाएगा। उल्लेखीय है कि चाहे औद्योगिक प्लॉट्स की नीलामी हो या ड्रॉ प्रक्रिया के जरिए निर्धारण, इन सभी को अंजाम देने के लिए लीस्ट ह्यूमन इंटरफियरेंस यानी मानवीय हस्तक्षेप की गुंजाइश न के बराबर रखी गई है। यीडा समेत सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में इसी व्यवस्था के जरिए आवेदकों का निर्धारण सफलतापूर्वक किया जा रहा है।

आईएएनएस
ग्रेटर नोएडा


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment