किसानों की तस्वीर बदलने के लिए काशी में लाई जाएगी एसपीवी योजना, वेस्ट टु वेल्थ मैनेजमेंट से मिलेगी मदद
यूपी में किसानों की आय बढ़ाने के लिए यूपी सरकार हर जतन कर रही है।
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गोवर-धन वाराणसी फाउंडेशन एसपीवी योजना के तहत खेतों की उर्वरकता बढ़ाने के लिए बायोगैस प्लांट स्थापित करवाया है, जिससे कंप्रेस्ड बायो गैस बन रही है और जल्द ही उसके वेस्ट से खाद बनने लगेगी। गोवर-धन वाराणसी फाउंडेशन एसपीवी के अधिकारी ने बताया कि इस प्लांट में किसानों की जरूरत के मुताबिक खाद का उत्पादन होगा।
किसानों की मिट्टर को प्लांट की लैब में जांचा जाएगा और मृदा में जिस तत्व की कमी होगी खास उस तरह की खाद का उत्पादन होगा। ये ठोस और लिक्विड दोनों रूप में होगा। कंप्रेस्ड बायोगैस के वेस्ट से इस जैविक खाद को बनाया जाएगा। इससे किसानों के खेतों की उर्वरकता बनी रहेगी और उनकी आमदनी भी बढ़गी।
उन्होंने बताया कि गोवर-धन योजना 'वेस्ट टु वेल्थ' का एक सशक्त माध्यम है। यह सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि गाँवों को स्वच्छ रखने, किसानों एवं पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने की मुहीम भी है।
अधिकारी के अनुसार शहंशाहपुर स्थित कान्हा उपवन परिसर में करीब 23 करोड़ की लगात से सात एकड़ में ये प्लांट लगा है। प्लांट में ही किसानों के लिए ट्रेनिंग सेंटर भी है। यहां किसानों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे अपनी आय बढ़ाने के साथ ही लोगों का स्वास्थ भी ठीक रख सकेंगे। प्लांट के पूरी क्षमता से चलने पर करीब 55 हजार लीटर तरल और 18 हजार किलोग्राम ठोस जैविक खाद का उत्पादन हो सकेगा। इसके लिए प्रतिदिन 900 क्विंटल गोबर के साथ कंप्रेस्ड की जरूरत होगी।
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