मोदी के कहने पर आजादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय ध्वज भी नहीं फहराएंगे : जमाते इस्लामी हिन्द
देश के बड़े मुस्लिम संगठनों में एक ‘जमाते इस्लामी हिन्द’ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कहने पर जब हमने ताली-थाली नहीं बजायी थी तो अब हम मोदी के कहने पर आजादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय ध्वज भी नहीं फहराएंगे।
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यही नहीं जमाते इस्लामी हिन्द के पदाधिकारियों ने भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नेतृत्व में गये प्रतिनिधिमंडल से राष्ट्रीय ध्वज लेने से इंकार कर दिया।
दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर पूरा देश आजादी की 75वीं वषर्गांठ ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मना रहा है। इसको लेकर 11 से 17 अगस्त तक सभी सरकारी व गैरसरकारी कार्यालयों, स्कूलों, मदरसों, धार्मिक व सामाजिक संगठनों, दुकानों तथा घरों में राष्ट्रीय ध्वज लगाने की अपील की गयी है।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल जमाते इस्लामी हिन्द के ओखला स्थित मुख्यालय गया। सिद्दीकी ने बताया कि वहां उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद अहमद व नायब सलीम इंजीनियर सहित कई पदाधिकारियों से भेंटकर उनको प्रधानमंत्री के आजादी के अमृत महोत्सव के बारे में जानकारी दी और उनको राष्ट्रीय ध्वज भेंट कर उनसे 11 से 17 अगस्त तक फहराने की अपील की।
इस पर मोहम्मद अहमद व इंजीनियर सलीम भड़क गये और उन्होंने माबलिंचिंग व लव-जेहाद सहित मुसलमानों से जुड़े मामले उठाने लगे। उन्होंने यह भी कहा कि जब हमने मोदी (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) के कहने पर ताली-थाली नहीं बजाई, मोमबत्ती-दिये नहीं जलाये तो अब हम मोदी के कहने पर अमृत्त महोत्सव में ध्वज भी फहराएंगे।
उधर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी का कहना था कि आपकी तमाम शिकायतें हो सकती हैं, लेकिन आजादी का अमृत महोत्सव देश की आजादी से जुड़ा है। यह किसी पार्टी विशेष का कार्यक्रम न होकर देश की आन-बान व शान से जुड़ा है। इसका आह्वान देश के प्रधानमंत्री ने किया है, जो हमारे-आपके पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं। लिहाजा आप हमारा राष्ट्रीय ध्वज स्वीकार करें और आजादी के अमृत महोत्सव में सहर्ष भागीदार बने।
उधर जमाते इस्लामी हिन्द का कोई पदाधिकारी सिद्दीकी की बात सुनने को तैयार नहीं था और दोनों के बीच बातचीत तल्ख हो गई। सिद्दीकी ने बताया कि जब वह लौटने लगे तो भी जमाते इस्लामी हिन्द के लोगों को राष्ट्रीय ध्वज देने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया।
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