अखिलेश -जयंत के तानाशाही रवैये के कारण मिली हार : मसूद

Last Updated 21 Mar 2022 02:03:15 AM IST

राष्ट्रीय लोकदल के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद ने रविवार को यहां एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के तानाशाही रवैये के कारण ही दोनों दलों के गठबंधन को हार का मुंह देखना पड़ा।


राष्ट्रीय लोकदल के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डा. मसूद अहमद

उन्होंने कहा कि मेरा सुझाव है कि जब तक अखिलेश बराबर का सम्मान नहीं देते, तब तक इस गठबंधन को स्थगित कर दिया जाए। डा. मसूद ने यह भी कहा कि उनके गठबंधन की हार के पीछे बीजेपी की बेईमानी भी है। इसके लिए उन्होंने ईवीएम में हेराफेरी का आरोप लगाया।

डा. मसूद ने जयंत को लिखे पत्र में सपा -रालोद गठबंधन के  टिकट बेचे जाने का आरोप लगाया। उन्होंने सपा अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘अखिलेश ने जिसको जहां मर्जी आई, धन संकलन करते हुए टिकट दिए, जिससे गठबंधन बिना बूथ अध्यक्षों के  चुनाव लड़ने पर मजबूर हुआ।’

उन्होंने जयंत और अखिलेश पर तानाशाह की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘उदाहरण के  तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्य को बिना सूचना के  फाजिलनगर भेजा गया और वह चुनाव हार गए। अखिलेश और आपने (जयंत) डिक्टेटर (तानाशाह) की तरह कार्य किया, जिससे गठबंधन को हार का मुंह देखना पड़ा।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘विधानसभा चुनाव में टिकटों की बिक्री की गई। धन संकलन की कोशिश में प्रत्याशियों का ऐलान समय रहते नहीं हुआ और बिना तैयारी के  चुनाव लड़ा गया। सभी सीटों पर लगभग आखिरी दिन पर्चा भरा गया। किसी भी प्रत्याशी को यह नहीं बताया गया कि वह कहां से चुनाव लड़ेगा। कीमती समय में सभी कार्यकर्ता आप तथा अखिलेश के  चरणों में पड़े रहे और चुनाव की कोई तैयारी नहीं हो पाई।’

डा. मसूद ने आरोप लगाया कि उनके  कई बार चेतावनी देने के  बाद भी आजाद समाज पार्टी के  अध्यक्ष चंद्रशेखर को अपमानित किया गया, जिससे नाराज होकर दलित वोट सपा-रालोद गठबंधन से कटकर भाजपा में चला गया, जिसका खमियाजा गठबंधन को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘आपने तथा अखिलेश ने सुप्रीमो कल्चर अपनाते हुए संगठन को दरकिनार कर दिया। लालू (राजद नेता लालू प्रसाद यादव) तथा सपा के नेताओं का चुनाव प्रचार में उपयोग नहीं किया गया।’

इसी तरह पार्टी के  समर्पित पासी तथा वर्मा नेताओं का इस्तेमाल नहीं किया गया, जिससे चुनाव में उनकी बिरादरी का वोट गठबंधन से छिटक गया।  उन्होंने अपने पत्र को अपना त्यागपत्र भी बताया और आरोप लगाया कि जौनपुर सदर जैसी सीट पर पर्चा भरने के  आखिरी दिन तीन-तीन बार टिकट बदला गया। इससे जनता में गलत संदेश गया।

मसूद के आरोपों पर रालोद प्रवक्ता बोले, आरोपों से आती है किसी ‘षड्यंत्र की बू’

राष्ट्रीय लोकदल की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मसूद अहमद की तरफ से पार्टी पर लगाए गए आरोपों पर रविवार को पार्टी की तरफ से राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी मोहम्मद इस्लाम ने जवाब देते हुए कहा कि सारे आरोप ‘‘बेबुनियाद और अनैतिक’’ हैं।

अहमद ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी को शनिवार को पत्र लिखकर समाजवादी पार्टी (सपा) और रालोद गठबंधन नेतृत्व द्वारा तानाशाही रवैया अपनाते हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी के टिकट बेचे जाने समेत कई गंभीर आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता के अनुसार, ‘‘मसूद द्वारा पार्टी पर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद और पूरी तरह से अनैतिक एंव संकुचित सोच का नतीजा है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘इन आरोपों के पीछे किसी षडयंत्र की बू आती है।’’

उन्होंने कहा कि पार्टी चुनाव में हुई जीत और हार का पूरी गंभीरता से विश्लेषण कर रही है। मसूद ने अपने पत्र को अपना त्यागपत्र भी बताया और आरोप लगाया कि जौनपुर सदर जैसी सीटों पर पर्चा भरने के आखिरी दिन तीन-तीन बार टिकट बदला गया। एक-एक सीट पर सपा के तीन-तीन उम्मीदवार हो गए। इससे जनता में गलत संदेश गया। नतीजा यह हुआ कि कम से कम 50 सीटों पर गठबंधन 200 से लेकर 10,000 मतों के अंतर से हार गया।

गौरतलब है कि हाल में संपन्न राज्य विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 111 और राष्ट्रीय लोकदल को आठ सीटें ही हासिल हुई थीं। ‘जाटलैंड’ में प्रभावी माने जाने वाले राष्ट्रीय लोकदल को पश्चिमांचल में भी खास कामयाबी नहीं मिल सकी।

सहारा न्यूज ब्यूरो/भाषा
लखनऊ/मेरठ


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