योगी ने की युवाओं की नि:शुल्क कोचिंग के लिए अभ्युदय योजना की घोषणा

Last Updated 25 Jan 2021 05:03:01 AM IST

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री ने प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के युवाओं की नि:शुल्क कोचिंग ‘अभ्युदय योजना’ का शुभारम्भ किए जाने की घोषणा की,जिसका शुभारम्भ बसंत पंचमी से होगा।




उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के युवाओं के लिए इस योजना के तहत नि:शुल्क कोचिंग दी जाएगी। प्रथम चरण में राज्य के सभी मण्डल मुख्यालयों पर यह कोचिंग संस्थान प्रारम्भ किये जाएंगे। इन संस्थानों में प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रतिभागी युवाओं के लिए फिजिकल और वचरुअल, दोनों माध्यमों से मार्गदर्शन की व्यवस्था लागू की जाएगी।

उन्होंने कहा कि इन संस्थानों के लिए विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं राजकीय विद्यालयों का इन्फ्रास्ट्रश्रर प्रयोग में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभ्युदय कोचिंग संस्थानों में नीट, आईआईटी जेईई, एनडीए, सीडीएस  सहित यूपीएससी की सभी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मार्गदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह संस्थान प्रतियोगी युवाओं को अपना भविष्य संवारने का मंच उपलब्ध कराएगा।

मुख्यमंत्री आज यहां अवध शिल्पग्राम परिसर में उत्तर प्रदेश राज्य के 71वें स्थापना दिवस पर ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह के चतुर्थ संस्करण के उद्घाटन समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाली विभूतियों को इस अवसर पर सम्मानित किया। समारोह के दौरान अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। उन्होंने ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह के अवसर पर अवध शिल्पग्राम में आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान राजस्थान राज्य के कोटा तथा प्रदेश के जनपद प्रयागराज से प्रतियोगी विद्यार्थियों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के अभियान के दौरान उनके द्वारा प्रदेश के युवाओं को राज्य में ही कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया था। आज चतुर्थ उत्तर प्रदेश दिवस समारोह के अवसर पर इसे मूर्त रूप दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रदेश के अनेक प्रतिभाशाली लोगों ने अपने परिश्रम और पुरुषार्थ से देश-दुनिया में उत्तर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। राज्य सरकार द्वारा कला, संस्कृति, खेल, विज्ञान सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश का मान-सम्मान बढ़ाने वाली 03 से 05 विभूतियों को ‘यूपी गौरव सम्मान’ से प्रतिवर्ष सम्मानित किया जाएगा। विभूतियों को सम्मानित करने का यह कार्यक्रम इसी वर्ष प्रारम्भ किया जाएगा। इस सम्बन्ध में प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गयी है, जो सम्मानित किये जाने वाले प्रतिभाशाली नागरिकों का चयन करेगी। सम्मान प्राप्त करने वाली विभूति को 11 लाख रुपए की धनराशि, प्रतीक चिन्ह, मेडल एवं प्रशस्ति पा प्रदान किया जाएगा।

श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जीडीपी  की भांति प्रत्येक जिले के जीडीपी का भी आकलन किया जाना चाहिए। इससे विभिन्न जिलो में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण सृजित होगा, जिससे प्रदेश की अपार सम्भावनाओं को साकार किया जा सकेगा। इस प्रकार के समन्वित प्रयास और टीमवर्क करके प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश को शीघ ही एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का राज्य बनाया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि 24 जनवरी, 2018 को प्रथम ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ समारोह का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गयी थी। प्रदेश के औद्योगिक विकास के निरन्तर प्रयासों की अभिनव कड़ी के रूप में राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना प्रारम्भ की गयी। इसका उद्देश्य राज्य के विभिन्न जनपदों के परम्परागत और विशिष्ट पहचान वाले उत्पादों को प्रोत्साहित कर युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराना है। वर्तमान में यह योजना देश की सर्वाधिक लोकप्रिय योजनाओं में से एक है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी  ने भी इस योजना की सराहना की है। इस योजना में प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने का सामथ्र्य है। केन्द्रीय बजट में भी इस योजना को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज के कार्यक्रम में एमएसएमई विभाग के तहत एक जनपद, एक उत्पाद, विकर्मा श्रम सम्मान योजना, उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड से सम्बन्धित उद्यमियों व हस्तशिल्पियों को सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह योजनाएं प्रधानमंत्री जी की ‘वोकल फॉर लोकल’ की संकल्पना को आगे बढ़ा रही हैं।

श्री योगी ने कहा कि द्वितीय ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना’ प्रारम्भ की गयी। यह योजना स्थानीय दस्तकारों तथा पारम्परिक कारीगरों के कौशल विकास के लिए संचालित की जा रही है। इसके तहत पारम्परिक कारीगरों के आजीविका के साधनों का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तृतीय ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना की योजना का शुभारम्भ किया गया। इसके तहत, प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किये जा रहे हैं। नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर संचालित किये जाने वाले इन आवासीय विद्यालयों में रजिस्र्टड श्रमिकों के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा, आवास, भोजन आदि सुविधाएं उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास होगा कि इस वर्ष से इन विद्यालयों में सत्र प्रारम्भ हो जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संस्कृति और परम्परा पर गर्व की अनुभूति होती है। उत्तर प्रदेश भारत का हृदय स्थल है। यह देश की संस्कृति और परम्परा का केन्द्र स्थल है।  प्रदेश की देश में अग्रणी भूमिका रही है। विगत कुछ वर्षों में यह भूमिका प्रभावित हुई। वर्तमान राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश को पुन: अग्रणी बनाने का कार्य कर रही है।

उन्होंने कहा कि विगत 10 माह से पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना के विरुद्ध संघर्ष कर रही है। ऐसे समय में प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री श्री मोदी के ‘जान भी, जहान भी’ मां के अनुरूप कोविड प्रबन्धन के साथ ही, विकास कार्यों को पूरी गति से आगे बढ़ा रही है।

श्री योगी ने कहा कि आज देश और दुनिया में उत्तर प्रदेश की छवि बदल रही है। प्रदेश की बेहतर कानून-व्यवस्था को अन्य राज्य मॉडल के रूप में अपनाना चाह रहे हैं। राज्य में कानून और व्यवस्था के उत्कृष्ट वातावरण से प्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसर बढ़े हैं। प्रदेश सरकार ने अब तक लगभग 04 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां उपलब्ध करायी हैं। निजी क्षेा में 15 लाख नौजवानों का नियोजन हुआ है। डेढ़ करोड़ से अधिक युवाओं को निवेश के माध्यम से रोजगार तथा लगभग 15 करोड़ नौजवानों को स्वत: रोजगार के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं से जोड़ने का कार्य विगत पौने चार वर्ष में हुआ है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में जो कार्य हुए हैं, उससे एक नई कार्य संस्कृति का जन्म हुआ है। यह नई कार्य संस्कृति हर एक क्षेा में प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को प्राप्त करने की है। प्रदेश में हर क्षेा में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सकती है। कृषि, जल संसाधन के क्षेत्रों में इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य हुआ है। सूखाग्रस्त माने जाने वाले बुन्देलखण्ड व विन्ध्य क्षेा में ‘हर घर नल’ योजना कार्य कर रही है। वर्तमान राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को 01 लाख 15 हजार करोड़ रुपये के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है। पर्यटन एवं संस्कृति क्षेत्रों के भी कार्य अत्यन्त उल्लेखनीय है।  प्रयागराज कुम्भ-2019 के आयोजन को सुरक्षा, स्वच्छता एवं सुव्यवस्था ने विशिष्ट पहचान दी। यूनेस्को ने कुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर कहा। प्रयागराज कुम्भ-2019 के पश्चात प्रदेश में पर्यटन के क्षेा में तेजी से वृद्धि हुई।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि 24 करोड़ जनसंख्या का राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश ने कोरोना प्रबन्धन के क्षेा में उदाहरण स्थापित किया है। राज्य ने यह साबित किया है कि किसी भी आपदा का मुकाबला टीमवर्क एवं दृढ़ इच्छा शक्ति के माध्यम से किया जा सकता है। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में अन्य राज्यों से 40 लाख से अधिक श्रमिक व कामगार वापस आये। राज्य सरकार ने इनके रहने व खाने की व्यवस्था की। प्रदेश सरकार द्वारा ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ का गठन किया गया है। राज्य सरकार अपने पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को शीघ सामाजिक, आर्थिक सुरक्षा की गारण्टी भी देगी। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के हर वृद्ध, निराश्रित महिला एवं पत्र दिव्यांगजन को प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जा रही है। हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है। इससे प्रदेश नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री  की प्रेरणा से देश में ही कोरोना का वैक्सीन तैयार किया गया है। ब्राजील के राष्ट्रपति ने यहां विकसित वैक्सीन को संजीवनी बूटी कहा है। भारत में विकसित वैक्सीन यहां के नागरिकों अलावा भूटान, नेपाल, मॉरीशस आदि दुनिया के दूसरे देशों के नागरिकों की जीवन रक्षा कर रहा है। प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण के पहले दिन 22 हजार हेल्थ वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया गया। दूसरी तिथि को 01 लाख 01 हजार वैक्सीनेशन किये गये। आगामी 28 व 29 जनवरी को भी हेल्थ वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया जाएगा।

समारोह को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो रहा है। राज्य औद्योगिक रूप से समृद्ध हो रहा है। साथ ही, युवाओं को रोजगार के व्यापक अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। नकल विहीन परीक्षा, मेधावी छाओं एवं शिक्षकों के सम्मान के माध्यम से उत्कृष्ट शैक्षिक वातावरण बनाया जा रहा है। विश्वविद्यालयों में शोध पीठ की स्थापना की जा रही है।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री  सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री जी की मंशा के अनुरूप महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज तथा पं0 दीनदयाल उपाध्याय की अन्त्योदय की संकल्पना को साकार कर रही है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है।       

कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए संस्कृति, पर्यटन एवं धर्मार्थ कार्य राज्य मंत्री (स्वतां प्रभार) डॉ0 नीलकण्ठ तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश हर क्षेा में अग्रणी बन रहा है। इससे प्रत्येक प्रदेशवासी गौरव की अनुभूति कर रहा है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री  ने एमएसएमई विभाग के ‘उद्यम सारथी’ एप का लोकार्पण किया। उन्होंने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना की प्रगति के सम्बन्ध में एक रिपोर्ट का विमोचन भी किया। इस अवसर पर स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के सीजीएम अजय कुमार खन्ना एवं अपर मुख्य सचिव एमएसएमई   नवनीत सहगल के मध्य ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के सम्बन्ध में एक एमओयू का हस्तान्तरण किया गया।

इसी प्रकार अपर मुख्य सचिव एमएसएमई श्री सहगल एवं इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग के डायरेक्टर  संजीव आनन्द के मध्य ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के उत्पादों की पैकेजिंग के सम्बन्ध में एक अन्य एमओयू का हस्तान्तरण किया गया। ‘उद्यम सारथी’ एप के माध्यम से ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के सम्बन्ध में समस्त जानकारी प्राप्त की जा सकती है। एप में युवाओं को प्रशिक्षित करने की भी व्यवस्था है। भविष्य में प्रदेश की सभी योजनाओं को एप से जोड़ा जाएगा।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग द्वारा विद्यार्थियों को प्रदान की जाने वाली छावृत्ति का वितरण भी किया। उन्होंने बटन दबाकर 1,43,929 विद्यार्थियों के बैंक खातों में छावृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की 39 करोड़ रुपए की धनराशि का ऑनलाइन अन्तरण किया। उन्होंने 05 छा-छाओं को प्रतीकात्मक रूप से छावृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि प्रदान की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ‘विकर्मा श्रम सम्मान योजना’ के तहत 05 पारम्परिक कारीगरों तथा ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ के 02 हस्तशिल्पियों को उन्नत टूल किट प्रदान किये। उन्होंने माटी कला बोर्ड के 02 माटी कारीगरों को भी पुरस्कृत किया।

कार्यक्रम के दौरान श्री योगी ने विभिन्न खेलों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले पुरुष एवं महिला खिलाड़ियों को वर्ष 2019-20 के लिए क्रमश: ‘लक्ष्मण पुरस्कार तथा रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार’ से सम्मानित किया। ‘रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार’ से 08 महिला खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया है। इनमें 01 खिलाड़ी वेटरन वर्ग से हैं। साथ ही, 10 पुरुष खिलाड़ियों को ‘लक्ष्मण पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। इनमें वेटरन वर्ग के 02 खिलाड़ी सम्मिलित हैं।

वार्ता
लखनऊ


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