श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में पार्टी बनेगी पुरोहित महासभा

Last Updated 06 Nov 2020 02:11:27 PM IST

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की अदालत में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान बनाम उप्र सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड मामले में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की भूमि को मुक्त कराने संबन्धी दाखिल याचिका में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा अपना पक्ष रखने के लिए पार्टी बनेगी।


श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में पार्टी बनेगी पुरोहित महासभा

महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय महामंत्री श्रीकांत वशिष्ठ ने शुक्रवार को बताया कि महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक की अध्यक्षता में गुरूवार शाम आयोजित राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में सर्वसम्मति से इस बात पर सहमति बनी कि इस वाद में तीर्थ पुरोहितों को भी अपना पक्ष रखना चाहिए और इसके लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष नवीन नागर को महासभा का पक्ष रखने के लिए अधिकृत भी किया गया। बैठक में 24 से अधिक राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने सहभागिता की।
    
उन्होंने बताया कि बैठक में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा चार धाम के लिए बनाए गए देवस्थान बोर्ड  के गठन का विरोध किया गया और कहा गया कि सरकार ने ऐसा करके एक प्रकार से नौकरशाही को पविा धाम की बागडोर सौंप दी है जिससे चार धाम के धार्मिक वातावरण के साथ खिलवाड़ होने की आशंका है।
     
श्री वशिष्ठ ने बताया कि बैठक में प्रतिनिधियों में इस बात पर रोष था कि सरकार ने हरि की पैढ़ी  हरिद्वार में मां गंगा की अविरल धारा को स्क्रैप चैनेल घोषित कर दिया है। इसके विरोध में देश भर के तीर्थ पुरोहित दीपावली के बाद देहरादून में एक बहुत बड़ा प्रदर्शन करेंगे। इसका नेतृत्व करने की जिम्मेदारी उन्हे ( श्रीकांत वशिष्ठ को ) दी गई है।
     
बैठक में यह प्रस्ताव भी पारित किया गया कि महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पाठक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से मिले तथा उनसे  नासिक, त्रियम्बकेर व भीमाशंकर सहित महाराष्ट्र के सभी तीर्थो के मन्दिर खोलने की इजाजत देने के लिए आदेश देने का अनुरोध किया जाए। बैठक में कर्नाटक के बैल्लूर तीर्थ के स्वामी मुरली एवं रामेरम से रविन्द्र दशमुो पण्डा ने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान केन्द्र एवं राज्य सरकारों ने पुरोहित समाज को छोड़कर सभी वर्ग के लोगों की आर्थिक मदद की है जब कि देश भर के मन्दिरों के बन्द होने से पण्डा समाज आर्थिक विपन्नता की स्थिति पर आ गया है। इसके लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकारों को पत्र लिखकर तीर्थ पुरोहितों की आर्थिक मदद करने का अनुरोध करने  संबंधी प्रस्ताव भी सर्व सम्मति से पारित किया गया।

वार्ता
मथुरा


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