बाबरी मस्जिद विध्वंस पर 30 सितंबर को फैसला संभव

Last Updated 17 Sep 2020 03:18:41 AM IST

अयोध्या में करीब 28 साल पहले हुए बाबरी विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत की ओर से 30 सितंबर को फैसला सुनाया जा सकता है।


बाबरी मस्जिद विध्वंस मामला

बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में कुल 32 आरोपी हैं। इनमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और उमा भारती सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।

सीबीआई की विशेष अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी को अदालत में उपस्थित होने की आवश्यकता है।

आडवाणी, जोशी और उमा भारती पर साजिश का आरोप है, जिसके कारण दिसंबर 1992 में 15वीं सदी के निर्मित ढांचे को गिरा दिया गया।



यह कहा गया था कि मस्जिद का निर्माण एक प्राचीन राम मंदिर के स्थान पर किया गया था। इस स्थान के बारे में सनातन धर्म से जुड़े लोगों की आस्था है कि यहां भगवान राम का जन्म हुआ था। पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया और उक्त स्थान पर मंदिर निर्माण की अनुमति दे दी।

92 वर्षीय आडवाणी ने 24 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष मामले में अपना बयान दर्ज कराया था।

वहीं 86 वर्षीय जोशी ने आडवाणी से एक दिन पहले अपना बयान दर्ज कराया था। दोनों ने उमा भारती और कल्याण सिंह की तरह अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया है।

भाजपा के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह मस्जिद विध्वंस के समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।

उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था, क्योंकि देशभर में दंगे हुए थे, जिसमें लगभग 3,000 लोग मारे गए थे।

अप्रैल 2017 में, शीर्ष अदालत ने विशेष अदालत से दिन-प्रतिदिन की सुनवाई करने और दो साल के भीतर मुकदमे को पूरा करने के लिए कहा था।

इसके बाद मुकदमा पूरा करने के लिए कई बार समयसीमा को बढ़ाया भी गया। विशेष न्यायाधीश एस. यादव ने जब मुकदमा पूरा करने के लिए अधिक समय मांगा तो अदालत ने समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ा दी थी।

आईएएनएस
लखनऊ


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