उप्र : राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष का हंगामा, फेंके कागज के गोले

Last Updated 08 Feb 2018 02:42:28 PM IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन राज्यपाल रामनाईक ने विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. सत्र की शुरुआत के पहले ही दिन राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया और उनकी तरफ कागज के गोले फेंके.


राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान फेंके कागज के गोले (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन राज्यपाल रामनाईक ने विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र में सदन की शुरुआत सुबह राज्यपाल के अभिभाषण से हुई. राज्यपाल ने लगभग डेढ़ घंटे तक विपक्ष के हंगामे के बीच ही अभिभाषण पढ़ा. इस दौरान विपक्ष लगातार नारेबाजी करता रहा. विपक्ष ने 'राज्यपाल वापस जाओ' के नारे भी लगाए. हंगामे के बीच राज्यपाल ने डेढ़ घंटे में अपना अभिभाषण पूरा किया.

राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन का धन्यवाद देते हुए विपक्ष को फटकार लगाई. अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि विपक्ष ने अभिभाषण के दौरान जो रवैया दिखाया है, वह घोर निंदनीय है. उन्होंने कहा कि विपक्ष का आचरण अमार्यादित एवं असंसदीय है. इनसे इस तरह के आचरण की उम्मीद नहीं है.

इसके बाद मुख्यमंत्री योगी ने भी पत्रकारों से बातचीत के दौरान विपक्ष के इस आचरण पर गहरी नाराजगी जताई. मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष ने जिस तरह से असंसदीय आचरण दिखाया वह अशोभनीय व अमर्यादित था. संसदीय परंपरा में उसको जगह नहीं दी जा सकती.

मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्यपाल के ऊपर लगातार कागज के गोले फेंके गए. इससे ऐसा लगता है कि समाजवादी पार्टी अपने अराजकतावादी आचरण से बाहर नहीं निकल पाई है. सपा ने संसदीय परंपराओं को तार-तार कर दिया. जनता ने उनके इस कृत्य को देखा है और यदि उन्होंने लाल टोपी पहनकर अपनी अराजकतावादी परंपरा को समाप्त नहीं किया तो जनता उनको सबक सिखाएगी."

इधर, मुख्यमंत्री का जवाब देते हुए विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है. वह चाहती है कि सदन में विपक्ष चुप रहे तो ऐसा नहीं होगा.

चौधरी ने कहा, " उत्तर प्रदेश के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब राज्यपाल नियत समय से 15 मिनट की देरी से पहुंचे. पहले से यह निर्धारित था कि उनका अभिभाषण 11 बजे होना है लेकिन वह देरी से आए. इसीलिए विपक्ष का यह कहना है कि उनका यह पूरा भाषण ही असंवैधानिक है."

उन्होंने आगे कहा कि उप्र में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. कासगंज हिंसा इसका उदाहरण है. चौधरी ने कहा कि सरकार सिर्फ अल्पसंख्यकों ही नहीं, हिंदू रीति रिवाजों के साथ भी छेड़छाड़ करने में जुटी हुई है.



कांग्रेस के नेता अजय कुमार सिंह लल्लू ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा. लल्लू ने कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. सरकार किसानों के साथ छल कर रही है और कांग्रेस इस पर चुप नहीं बैठेगी.

राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा को शुक्रवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

आईएएनएस


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment