उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस ने जिले के भीड़भाड़ वाले मिश्री बाजार में बुधवार को हुए भीषण विस्फोट को अवैध रूप से रखे गये पटाखों में हुए धमाके का परिणाम करार देते हुए कहा है कि इस घटना का किसी भी आतंकवादी गतिविधि से कोई सम्बन्ध नहीं है।

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पुलिस सूत्रों ने बृहस्पतिवार को यहां बताया कि शुरुआत में माना जा रहा था कि यह विस्फोट स्कूटर में हुआ था, मगर सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि विस्फोट खिलौने की एक दुकान के बाहर रखे गत्ते के एक डिब्बे में हुआ था, न कि किसी वाहन में। विस्फोट मेस्टन रोड पर खिलौने की एक दुकान के सामने हुआ, जिसके कारण वहां खड़े दो स्कूटर क्षतिग्रस्त हो गए और कम से कम आठ लोग घायल हो गए।
कानपुर के पुलिस आयुक्त रघुबीर लाल ने पुष्टि की कि विस्फोट पूरी तरह से आकस्मिक था और पटाखों के अवैध भंडारण के कारण हुआ था।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी भी आतंकवादी संगठन या चरमपंथी तत्वों की संलिप्तता का कोई सबूत नहीं मिला है। यह स्थानीय स्तर पर अवैध पटाखों के भंडारण के कारण हुई एक दुर्घटना थी।’’
लाल ने कहा, ‘‘विस्फोट में पास की एक मस्जिद और खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स जैसे समूहों की संलिप्तता के दावे निराधार और भ्रामक हैं। ये पूरी तरह गलत हैं।’’
उन्होंने बताया कि बाद में विस्फोट स्थल से लगभग 25 मीटर दूर एक दुकान और एक गोदाम से भारी मात्रा में विस्फोटक एवं पटाखे बरामद किये गये।
पुलिस आयुक्त ने कहा, ‘‘बगल की दुकान से लगभग एक क्विंटल पटाखे बरामद किये गये हैं। वहीं, पास के एक गोदाम से लगभग तीन क्विंटल पटाखे ज़ब्त किए गए। हमने बिना लाइसेंस के अवैध रूप से पटाखों का भंडारण और बिक्री करने के आरोप में 12 लोगों को हिरासत में लिया है।’’
उन्होंने बताया कि इस मामले का मुख्य संदिग्ध तारिक नाम का एक व्यक्ति है। उसे पकड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में लापरवाही बरतने पर जहां मूलगंज थाना प्रभारी विक्रम सिंह सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, वहीं सहायक पुलिस आयुक्त (कोतवाली) आशुतोष कुमार का तबादला किया गया है।
उन्होंने बताया कि त्योहारों से पहले विस्फोटकों के अन्य संभावित भंडारण का पता लगाने के लिए अधिकारी इलाके में तलाशी और जब्ती अभियान चला रहे हैं।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि घटना में गम्भीर रूप से घायल चार लोगों को लखनऊ के संजय गांधी परास्नातक आयुर्विज्ञान संस्थान में स्थानांतरित कर दिया गया, जबकि दो अन्य को मामूली चोटें आईं और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। शेष दो का स्थानीय अस्पताल में इलाज चल रहा है।
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) आशुतोष कुमार ने कहा कि बंद पाई गई दुकानों को कानूनी प्रक्रिया के तहत निरीक्षण के लिए सील किया या खोला जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज और फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं तथा पटाखों का अवैध व्यापार करने वाले लोगों और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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