उत्तर प्रदेश विधानभवन की सुरक्षा में चूक, सीएम योगी ने कहा- सदन में मिला विस्फोटक आतंकी साजिश का हिस्सा, एनआईए से हो जांच
उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदन के भीतर मिले शक्तिशाली विस्फोटक को खतरनाक आतंकवादी साजिश का हिस्सा करार देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसकी जांच एनआईए से कराने की मांग की.
फाइल फोटो |
सदन की कार्यवाही शुरु होते ही मुख्यमंत्री और नेता सदन ने कहा कि खतरनाक विस्फोटक मिलना बडी आतंकवादी साजिश का हिस्सा है. इसका हर हाल में
खुलासा होना ही चाहिए. इसलिये इसकी जांच एनआईए से होनी चाहिए. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित से उन्होंने आग्रह किया कि इस मामले की जांच एनआईए से करायी जाय.
योगी ने कहा कि यह मामला 22 करोड लोगों की सुरक्षा से जुडा है. इसका खुलासा होना ही चाहिये. इसमें सभी सदस्य सहयोग करेंगे.
योगी ने कहा कि सुरक्षा सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है. इसमें सबका सहयोग जरुरी है. सफाईकर्मियों को मिला पाउडर पहले सामान्य लगा. लगा कि कोई सामान्य रसायन है, लेकिन जांच के बाद मिले लैब की रिपोर्ट से पता चला कि यह शक्तिशाली विस्फोटक पीईटीएन है. मात्रा तो केवल 150 ग्राम थी लेकिन इसके विस्फोट से बडा नुकसान हो सकता था. पूरे विधानभवन को उडाने के लिये 500 ग्राम यह विस्फोटक पर्याप्त है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल यह उठता है कि आखिर वे कौन लोग हैं जिन्होंने इसे यहां तक पहुंचाया. जनप्रतिनिधियों के विशेषाधिकार हैं तो क्या उन्हें सुरक्षा में छूट दे देंगे. यह खतरनाक प्रवृत्ति है. खतरनाक स्थिति पैदा हो गयी है. विधानभवन के कर्मियों का पुलिस वैरीफिकेशन होना चाहिये.
उन्होंने कहा कि जो भी विधानभवन के अन्दर आये उसकी गहन तलाशी होनी चाहिये. वह जब पहली बार विधान भवन आये तो उन्हें अचरज लगा क्योंकि विधानसभा के सदस्यों से ज्यादा अन्य लोग इधर -उधर घूम रहे थे. किसी को सुरक्षा के साथ खिलवाड करने की छूट नहीं दी जा सकती .
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) आनन्द कुमार ने बताया कि पीईटीएन नामक यह विस्फोटक नेता विरोधी रामगोविंद चौधरी की कुर्सी के आसपास मिला है. विस्फोटक पाउडर की मात्रा साठ रिपीट साठ ग्राम है. फारेंसिक जांच में इसकी पुष्टि हुई है .
उनका कहना था कि इस विस्फोटक के लिए डेटोनेटर की जरुरत होती है लेकिन डेटोनेटर नहीं मिले हैं. उन्होंने माना कि यह सुरक्षा में चूक है लेकिन पूरी जांच के बगैर कुछ और नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि मामले की जांच हो रही है. दूध का दूध- पानी का पानी होगा. कल शाम विस्फोटक मिलने के बाद तत्काल इसे जांच के लिए भेज दिया गया था.
उधर, विस्फोटक मिलने के बाद विधानभवन की सुरक्षा और बढा दी गई है. कमाण्डों तैनात कर दिए गये हैं. चप्पे-चप्पे पर चौकसी बरती जा रही है. विशेषज्ञों की माने तो विस्फोटक काफी शक्तिशाली है. विधानभवन में गृह विभाग और पुलिस विभाग के बडे अधिकारी भी मौजूद हैं.
अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) आनन्द कुमार ने कहा कि इसके पीछे किस तरह की साजिश थी इसकी भी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि पूरी जांच के बगैर कुछ और नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि मामले की जांच हो रही है. दूध का दूध- पानी का पानी होगा. विस्फोटक मिलने के बाद तत्काल इसे जांच के लिए भेज दिया गया था.
रक्षा विशेषज्ञ एस पी सिन्हा के अनुसार पीईटीएन काफी शक्तिशाली विस्फोटक होता है. कभी -कभी यह मेटल डिटेक्टर की भी पकड में नहीं आता क्योंकि इसमें प्लास्टिक की भी मात्रा होती है. इसे आतंकवादी भी प्रयोग करते हैं. उनका मानना है कि सदन के अन्दर इतना शक्तिशाली विस्फोटक जाना सामान्य घटना नहीं है. इसकी उच्चस्तरीय जांच के साथ ही इसके पीछे की साजिश का खुलासा भी होना चाहिए.
उधर, विस्फोटक के मिलने की खबरों के बीच विधान भवन के हर गेट पर सुरक्षाकर्मी बढा दिये गये हैं. सदन की ओर जाने वाली गैलरियों में से केवल एक चैनल ही खोला गया है. उसी से होकर लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है. सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले सदन की सभी सीटों की जांच की गयी.
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