Kishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में बादल फटने से अब तक 46 की मौत, 100 से ज्यादा लोग लापता

Last Updated 15 Aug 2025 12:20:45 PM IST

जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चशोती में बादल फटने और इसके बाद बाढ़ आने से अब तक 46 लोगों की मौत हो गई हैं। अधिकारियों का कहना है कि मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है।


जम्मू–कश्मीर के किश्तवाड़़ जिले के एक सुदूर पहाड़़ी गांव में गुरूवार को बादल फटने से सीआईएसएफ के दो जवानों समेत कम से कम 46 लोगों की मौत हो गयी और 100 से ज़्यादा लोग लापता हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किश्तवाड़ में बादल फटने से हुई त्रासदी को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से बातचीत की। उन्होंने स्थिति का जायज़ा लिया और हर संभव सहायता की पेशकश की।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक्स पर लिखा की मुझे अभी-अभी माननीय प्रधानमंत्री मोदी का फ़ोन आया। मैंने उन्हें किश्तवाड़ की स्थिति और प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी दी। मेरी सरकार प्रभावित लोगों के समर्थन में पूरी तरह सक्रिय है और हम केंद्र सरकार द्वारा प्रदान की गई सभी सहायता के लिए आभारी हैं।

 

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अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है और अब तक 120 लोगों को बचा लिया गया है जिनमें 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्होंने बताया कि मृतकों में सीआईएसएफ के दो जवान भी शामिल हैं। 


अधिकारियों ने बताया कि बड़़े पैमाने पर राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है जिसमें राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनड़ीआरएफ)‚ राज्य आपदा मोचन बल (एसड़ीआरएफ)‚ पुलिस‚ सेना और स्थानीय स्वयंसेवक सहयोग कर रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि मचैल माता मंदिर जाने वाले रास्ते के चशोती गांव में यह आपदा अपराह्न 12 बजे से एक बजे के बीच आई। हादसे के समय मचैल माता यात्रा के लिए बड़़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। साढे नौ हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक जाने के लिए श्रद्धालु चशोती गांव तक ही मोटर वाहन से पहुंच सकते हैं‚ उसके बाद उन्हें 8.5 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी होती है।

चशोती गांव किश्तवाड़़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है। यहां श्रद्धालुओं के लिए लगाया गया एक लंगर (सामुदायिक रसोईघर) इस घटना से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ। बादल फटने के कारण अचानक बाढ आ गई और दुकानों एवं एक सुरक्षा चौकी सहित कई इमारतें बह गईं। किश्तवाड़़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने आपदा के तुरंत बाद बचाव दल को रवाना किया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के साथ व्यक्तिगत रूप से अभियान की निगरानी के लिए खुद भी घटनास्थल की ओर रवाना हुए॥। 

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने किश्तवाड़़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा से इस संबंध में बात की है। उन्होंने ‘एक्स' पर लिखा‚ “चशोती क्षेत्र में बादल फटने की एक बड़़ी घटना हुई है‚ जिससे भारी जनहानि होने की आशंका है। प्रशासन कार्रवाई में तुरंत जुट गया है और बचाव दल घटनास्थल के लिए रवाना हो गया है।” अधिकारियों ने बताया कि इस घटना के बाद मंदिर की वार्षिक यात्रा स्थगित कर दी गई है तथा प्राधिकारी सभी बचाव कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने और बड़़े पैमाने पर बचाव एवं राहत अभियान के लिए घटनास्थल रवाना हो गए हैं। एनड़ीआरएफ के दो दल उधमपुर से किश्तवाड़़ भेजे गए हैं। उपायुक्त ने कहा‚ “इलाके में बड़़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।” वह स्वयं मौके पर पहुंच रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि पहाड़़ी की तलहटी में बसी घनी बस्ती में अचानक आई बाढ़ ने कई घरों को प्रभावित किया है। 

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू–कश्मीर के किश्तवाड़़ जिले के बादल फटने से प्रभावित चशोती गांव में बचाव और राहत अभियान जोरों पर है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। 
 

भाषा
जम्मू


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