Rajasthan LS Polls 2024 Result: कांग्रेस-INDIA गठबंधन ने शेखावाटी सहित कई इलाकों में दिखाया दम

Last Updated 05 Jun 2024 11:33:30 AM IST

कांग्रेस और विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA) ने इस आम चुनाव में शेखावाटी व पूर्वी राजस्थान सहित कई इलाकों में महत्वपूर्ण सीटें जीतकर दम दिखाया है।


कांग्रेस-INDIA गठबंधन ने शेखावाटी सहित कई इलाकों में दिखाया दम (प्रतिकात्मक फोटो)

माना जा रहा है कि इन सीटों पर पार्टी उम्मीदवारों की जीत से इसके नेताओं और कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होगा।

निर्वाचन आयोग ने राज्य की सभी 25 लोकसभा सीटों के परिणाम मंगलवार शाम को घोषित कर दिए। भाजपा ने लोकसभा की 14 और कांग्रेस ने आठ सीटें जीत ली हैं। 'इंडिया’ के घटक दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने सीकर और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने नागौर सीट जीत ली है। इसी तरह बांसवाड़ा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) विजयी रही है।

पिछले एक दशक यानी दो आम चुनाव के बाद पहली बार राज्य में कांग्रेस का खाता खुला है। भाजपा ने 2014 में राज्य की सभी 25 संसदीय सीटें जीती थीं जबकि 2019 के आम चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन राजग ने सभी सीटें (24 भाजपा और एक आरएलपी) जीती थीं। इस बार यानी 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस ने सीकर में माकपा और नागौर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी आरएलपी के साथ गठबंधन किया और बांसवाड़ा में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) का समर्थन किया। भाजपा ने सभी 25 सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा।

परिणाम के हिसाब से शेखावाटी इलाके में चूरू और झुंझुनू सीट कांग्रेस के खाते में गई जबकि सीकर सीट 'इंडिया' के घटक दल माकपा तथा नागौर सीट आरएलपी ने जीती है। शेखावाटी इलाके की चारों सीटें 'इंडिया' गठबंधन को मिली।

इसी तरह किसानों के गढ़ माने जाने वाले उत्तरी राजस्थान में कांग्रेस ने गंगानगर सीट जीत ली, हालांकि भाजपा ने बीकानेर पर अपना कब्जा बरकरार रखा है। यहां से केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल जीत गए लेकिन उनकी जीत का अंतर 55,711 मत ही रहा। 2019 का चुनाव वह 2,64,081 मत से जीते थे। वे उत्तरी राजस्थान में जीतने वाले भाजपा के एकमात्र उम्मीदवार हैं।

पूर्वी राजस्थान की बात की जाए तो कांग्रेस ने भरतपुर, दौसा, करौली-धौलपुर और टोंक-सवाई माधोपुर सीट जीती। भाजपा इस इलाके में केवल अलवर सीट ही जीत सकी।

दौसा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार और विधायक मुरारी लाल मीणा ने 2,37,340 मतों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। भरतपुर में कांग्रेस की युवा उम्मीदवार संजना जाटव 51,983 मत से जीत गई। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का गृहनगर होने के कारण भरतपुर कांग्रेस के लिए बड़ी जीत है। भरतपुर की लोकसभा सीट हारना मुख्यमंत्री शर्मा के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।

वहीं कांग्रेस नेता सचिन पायलट के खेमे ने पूर्वी राजस्थान में पार्टी की जीत का श्रेय पायलट को दिया है। गुर्जर समुदाय से आने वाले पायलट का पूर्वी राजस्थान में प्रभाव माना जाता है। मुरारीलाल मीणा (दौसा) और हरीश चंद्र मीणा (टोंक-सवाई माधोपुर) पायलट के करीबी माने जाते हैं।

पश्चिमी राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत जालौर सीट पर 2,01,543 वोटों से हार गए। गहलोत ने चुनाव प्रचार के दौरान इस सीट पर पूरी ताकत झोंक रखी थी। भारत-पाक सीमा पर स्थित बाड़मेर सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की।

भाजपा ने जोधपुर सीट भी बरकरार रखी जहां केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जीते।

भाजपा ने हाड़ौती क्षेत्र में अपना गढ़ बरकरार रखा जहां पार्टी उम्मीदवार ओम बिरला और दुष्यंत सिंह ने क्रमश: कोटा और झालावाड़-बारां सीटें जीतीं। यह अलग बात है कि 2019 में बिड़ला की जीत का अंतर 2,79,677 मत था जो इस बार घटकर 41,974 रह गया। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह ने इस बार 3,70,989 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। 2019 में दुष्यंत सिंह की जीत का अंतर 4,53,928 वोट था। उन्होंने यह सीट 5वीं बार जीती है।

इसी तरह दक्षिणी राजस्थान में, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़ और राजसमंद लोकसभा सीट वाले मेवाड़ तथा वागड़ क्षेत्र में भाजपा ने तीन सीटों पर कब्जा कायम रखा है। हालांकि बांसवाड़ा सीट कांग्रेस समर्थित भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने जीती। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने चित्तौड़गढ़ सीट पर तीसरी बार जीत दर्ज की है। भाजपा के नए चेहरे महिमा कुमारी ने राजसमंद सीट जीती।

भाषा
जयपुर


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