राजस्थान के सवाई मानसिंह अस्पताल में हुआ पहला हार्ट ट्रांसप्लांट, सीएम गहलोत ने दी बधाई
राजस्थान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सवाई मान सिंह (एसएमएस) चिकित्सालय गुरूवार को ह्रदय प्रतिरोपण करने पहला सरकारी अस्पताल बन गया।
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राजसमंद में पिछले शुक्रवार को सड़क दुर्घटना में घायल 25 वर्षीय युवक के ‘ब्रेन डेड’ हो जाने पर उसके ह्रदय को जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में एक अन्य मरीज में प्रतिरोपित किया गया। वहीं ब्रेन डेड मरीज की दोनों किडनी व लीवर भी तीन अन्य मरीजों को प्रतिरोपित की गई है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले ह्रदय प्रतिरोपण के लिए एसएमएस अस्पताल को बधाई दी है। उन्होंने मरीज के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
उल्लेखनीय है कि एसएमएस ह्रदय प्रतिरोपण करने वाला राज्य का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है।
सवाई मानसिंह चिकित्सालय के डॉ एस एस यादव ने बताया कि पिछले शुक्रवार को दुर्घटना में घायल हुए राजसमंद जिले के 25 वर्षीय युवक को एक कमेटी ने ब्रेन डेड घोषित किया था और उसके अंगों को जरूरतमंद मरीजों में प्रतिरोपित किया गया है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में घायल युवक को राजसमंद से जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय भेजा गया था।
अस्पताल की कमेटी द्वारा युवक को ‘ब्रेन डेड’ घोषित किये जाने के बाद उसके अंगों को दान करने के लिये परिजनों को मनाया गया। उनकी रजामंदी और अंग प्रतिरोपण होने वाले मरीजों के खून के नमूने मिलने के बाद बुधवार रात चार मरीजों में अंग प्रतिरोपण किये गये।
उन्होंने बताया कि जयपुर के सवाई मानसिंह चिकित्सालय में यह पहला ह्रदय प्रतिरोपण है। यह ह्रदय एक पुरूष मरीज को प्रतिरोपण किया गया है जबकि दोनों किडनियों को सवाई मानसिंह चिकित्सालय की एक महिला और एक पुरूष मरीज को प्रतिरोपित की गई है। वहीं लीवर को सवाई मानसिंह चिकित्सालय से जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित निम्स अस्पताल तक ग्रीन कोरिडोर बनाकर भेजा गया है।उन्होंने बताया कि तीनों मरीजों को 72 घंटे के लिये अस्पताल में आईसीयू वार्ड में रखा गया है। स्थिति में सुधार के बाद उन्हें सामान्य वार्ड में स्थानांतरित किया जायेगा।
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