देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था ब्रिटिश सरकार का तोहफा नही : प्रणब
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था ना तो दुर्घनावश है और ना ही ब्रिटिश सरकार का तोहफा है।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी |
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (राजस्थान शाखा) एवं लोकनीति (सीएसडीएस) की ओर से आयोजित संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुखर्जी ने कहा कि देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था लोगों के योगदान और संघर्ष का नतीजा है।
उन्होंने कहा कि भले ही देश के लगभग आधे लोगों ने किसी भी पार्टी को मत नहीं दिया हो, लेकिन उन्हें भी साथ में लेकर चलना होगा।
उन्होंने भारत में संसदीय लोकतंत्र के विकास, उसके ऐतिहासिक पहलुओं और महत्व के बारे में विस्तार से बताया।
संगोष्ठी को राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (राजस्थान शाखा) के अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया, सचिव और विधायक संयम लोढा ने भी संबोधित किया।
संगोष्ठी में विधानसभा के सदस्यों के साथ-साथ पूर्व विधायकों ने भी भाग लिया।
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