‘प्रश्न पूछने की मंशा’ को लेकर राजस्थान विधानसभा में हंगामा, विपक्ष बैठा धरने पर

Last Updated 15 Jul 2019 03:17:16 PM IST

राजस्थान विधानसभा में सोमवार को एक मंत्री की ‘प्रश्न पूछने की मंशा’ संबंधी टिप्पणी को लेकर हंगामा हुआ और मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक नारेबाजी करते हुए आसन के सामने धरने पर बैठ गए।


विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही भी लगभग आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी।   

प्रश्नकाल के दौरान यह हंगामा उस समय शुरू हुआ, जब पर्यटन मंत्री विरेंद्र सिंह आरटीडीसी होटलों को निजी कंपनियों को देने की योजना संबंधी सवाल का जवाब दे रहे थे। भाजपा विधायक कालीचरण सर्राफ के पूरक प्रश्न पर मंत्री ने कहा कि पर्यटन विभाग की विभिन्न इकाइयों को निजी हाथों में या पीपीपी मोड पर संचालित करने की योजना गत भाजपा सरकार की थी। इसके साथ ही विरेंद्र सिंह ने चुटकी ली कि ‘यह सवाल पूछने के पीछे विधायक की मंशा क्या है?’ इसे लेकर हंगामा शुरू हो गया।   

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया और उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि ‘मंत्री महोदय ही बता दें कि हमारी मंशा क्या है?’ पक्ष विपक्ष में नोक झोंक के बीच कटारिया और उपनेता राजेंद्र राठौड़ की अगुआई में भाजपा के विधायक आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे और धरने पर बैठ गए।    

भाजपा विधायकों ने ‘अध्यक्ष जी न्याय करो’, ‘मंत्री जी माफी मांगो’ और ‘सरकार की तानाशाही नहीं चलेगी’ के नारे लगाए। नारेबाजी और हंगामे के बीच प्रश्नकाल जारी रहा। अध्यक्ष सीपी जोशी ने भाजपा के सदस्यों को अपनी सीटों पर लौटने की अपील की लेकिन वे अपने प्रदर्शन पर अड़े रहे। इस कारण बाद में ज्यादातर प्रश्नों का उतर नहीं दिया गया और अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।   

भाजपा के विधायक इस दौरान भी आसन के सामने बैठे रहे लेकिन सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर अध्यक्ष जोशी ने कहा कि मंत्री की उक्त टिप्पणी के पीछे कोई गलत मंशा नहीं थी।

नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि यह बात मंत्री को कहनी चाहिए। इस पर विरेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘मेरी इसमें कोई गलत मंशा नहीं थी लेकिन प्रतिपक्ष ने सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया जिससे मुझे दुख हुआ है।’’ इसके बाद भाजपा के विधायक सीटों पर लौटे और शून्यकाल की कार्यवाही शुरू हुई।  
 

भाषा
जयपुर


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