बैंसला का जयपुर कूच स्थगित, महापड़ाव भी समाप्त
कर्नल बैंसला के अस्पताल में भर्ती होने से राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने जयपुर कूच स्थगित कर दिया.
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सरकारी नौकरियों में गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण समेत अन्य मांगों को लेकर राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने जयपुर कूच बुधवार को स्थगित कर करने के साथ ही दौसा के भांडारेज में जारी महापड़ाव समाप्त कर दिया है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के एक निजी अस्पातल में भर्ती राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से मंगलवार रात फोन पर बात कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेकर शीध स्वास्थ्य लाभ की कामना की.
राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने कहा, ‘कर्नल किरोडी सिंह बैंसला बीमारी की वजह से जयपुर में भर्ती होने के कारण जयपुर कूच स्थगित कर दिया ओर साथ ही भांडारेज में तीन दिनों से जारी महापडाव समाप्त कर दिया गया है.’
उन्होंने कहा कि अगली तिथि का ऐलान बाद में किया जायेगा. गुर्जरों के जयपुर कूच टल जाने की मंगलवार को ही संभावना नजर आ गई जब अचानक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला जयपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गये. कर्नल बैसला ने बुधवार को बातचीत करते हुए जयपुर कूच के बारे में कुछ कहने से बचते हुए कहा, ‘मैं अस्पताल में भर्ती हूं, मेरा स्वास्थ्य अभी ठीक नहीं है.’
अखिल भारतीय गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामवीर सिंह विधूडी ने कर्नल बैंसला पर अपने निजी स्वार्थ के लिए समाज को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कर्नल को समाज की राजनीति छोडकर हिमालय में जाकर धूनी रमानी चाहिए.
विधूड़ी ने कहा, ‘कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने राजनीतिक फायदे के लिए तत्कालीन भाजपा सरकार के कार्यकाल में असंवैधानिक समझौता करने की कीमत आज तक समाज भुगत रहा है. समाज का विश्वासस कर्नल बैंसला से उठ गया है. उन्होने कहा कि समाज को अपना हक पाने के लिए युवा शक्ति के नेतृत्व में नयी राष्ट्रीय कमेटी गठित करनी चाहिए ओर इससे कर्नल किरोडी सिंह बैंसला को दूर रखना चाहिए.
विधूड़ी ने कहा कि समाज की मौजूदा स्थिति के लिए कर्नल बैंसला द्वारा पूर्व सरकार के साथ किये गये असंवैधानिक समझौते को जिम्मेदारी ठहराते हुए कहा कि यदि कर्नल समाज नेताओं की बात मान कर पंचास प्रतिशत के अंदर ही समझौता करते तो समाज को आरक्षण का लाभ मिल जाता.
अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि गुर्जरों को सरकारी नौकरी में पांच प्रतिशत आरक्षण का मामला न्यायालय में विचाराधीन है, गुर्जर समाज भी इस बात से वाकिफ है, ऐसे में सरकार अभी क्या कर सकती है.
उन्होने कहा कि सरकार गुर्जर समाज को मुख्य धारा में लाने के लिए उनके जीवन स्तर को बढाने के लिए देव नारायण योजना के तहत विद्यार्थियों को भरपूर सुविधाएं दे रही है एवं गुर्जर बाहुल्य इलाकों में विकास के काम जारी है. राज्य सरकार ने गुर्जरों के जयपुर कूच स्थगित होने ओैर महापड़ाव समाप्त होने के बाद राहत महसूस की.
गौरतलब है कि राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने रविवार को सरकार को गुर्जरों को सरकारी नौकरी में पांच प्रतिशत आरक्षण देने समेत अन्य मांगों को लेकर जयपुर कूच की चेतावनी दी थी.
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