Mizoram: आइजोल को पहली बार मिला भारतीय रेल नेटवर्क से कनेक्शन, 13 सितंबर को PM मोदी करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री 13 सितंबर को 51.28 किलोमीटर लंबी बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन का उद्घाटन करेंगे। यह रेलमार्ग राजधानी आइजोल के समीपवर्ती सैरांग को जोड़ता है, जिससे आइजोल अब सीधे रेल संपर्क में आएगा।
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'नीली पहाड़ियों की धरती' कहे जाने वाले मिजोरम को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से जोड़ने के लिए 13 सितंबर को मिजोरम के सैरांग और कोलकाता के बीच एक नई एक्सप्रेस ट्रेन सेवा की शुरू की जा रही है, जिससे इस पूर्वोत्तर राज्य के पर्यटन क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलेगा।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) के एक अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस ट्रेन के अलावा आनंद विहार तक एक साप्ताहिक राजधानी एक्सप्रेस और गुवाहाटी तक एक दैनिक एक्सप्रेस जैसी दो अन्य ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाकर सैरांग से 13 सितंबर को रवाना करेंगे। इससे मिजोरम की राजधानी आइजोल भारतीय रेल के मानचित्र पर आ जाएगी।
पूर्वी रेलवे (ईआर) के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ‘कोलकाता–सैरांग–कोलकाता एक्सप्रेस’ एक त्रि-साप्ताहिक सेवा होगी, जो मिजोरम और पश्चिम बंगाल के बीच महत्वपूर्ण संपर्क प्रदान करेगी।
मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदूहोमा ने कहा कि प्रधानमंत्री 13 सितंबर को 51.28 किलोमीटर लंबी बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन का उद्घाटन करेंगे। यह रेलमार्ग राजधानी आइजोल के समीपवर्ती सैरांग को जोड़ता है, जिससे आइजोल अब सीधे रेल संपर्क में आएगा।
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि मिजोरम के पहाड़ी भूभाग में संपर्क स्थापित करना एक बड़ी चुनौती थी लेकिन इसे योजनाबद्ध और सावधानीपूर्वक तरीके से पूरा किया गया। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति के अंतर्गत प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम जो लंबे समय से दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के कारण रेल सेवाओं से वंचित था, अब बैराबी–सैरांग रेल लाइन के माध्यम से राजधानी आइजोल तक सीधे रेल संपर्क से जुड़ गया है।" उन्होंने बताया कि इस 51.38 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग का निर्माण लगभग 8,071 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। यह मार्ग 48 सुरंगों, 55 बड़े पुलों, 87 छोटे पुलों, 5 रोड ओवरब्रिज और 6 रोड अंडरब्रिज से होकर गुजरता है।
अधिकारी ने बताया कि इनमें से एक पुल की ऊंचाई 114 मीटर है, जो कुतुब मीनार से 42 मीटर ऊंचा है और इसे एक विशेष तकनीकी उपलब्धि बनाता है। रेल सुरंगों को स्थानीय मिजो कला और संस्कृति की झलक देने वाले चित्रों व सजावट से सजाया गया है। उन्होंने कहा कि इस रेल संपर्क का लाभ बहुआयामी होगा, जो न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा बल्कि मिजोरम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में पर्यटन, व्यापार और सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।
अधिकारी ने यह भी कहा, "यह रेल सेवा न केवल राज्य के भीतर और अन्य राज्यों के बीच आवाजाही को आसान बनाएगी, बल्कि अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय (सीमावर्ती क्षेत्रों) आवागमन के लिए भी महत्वपूर्ण होगी, जो क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक-आर्थिक विकास में सहायक होगा।"
वर्तमान में कोलकाता और आइजोल के बीच केवल हवाई और सड़क मार्ग से संपर्क है।
पर्यटन संरक्षण संगठन के संयोजक राज बसु ने ‘एजेंसी’ से बातचीत में कहा कि मिजोरम में रेल संपर्क की सबसे बड़ी उपलब्धि इसकी बढ़ी हुई पहुंच है, जो पहले एक बड़ी बाधा थी। उन्होंने कहा, "रेल संपर्क से अब बंगाल के और अधिक पर्यटक मिजोरम की ओर आकर्षित होंगे क्योंकि बंगाल के लोग यात्रा के प्रति बेहद उत्साही होते हैं।"
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