जम्मू में प्रशासन द्वारा अमरनाथ यात्रा के लिए मौके पर ही पंजीकरण शुरू किये जाने के बाद मंगलवार को देशभर से सैकड़ों श्रद्धालु यहां जम्मू पहुंचे।

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दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर की यात्रा औपचारिक तौर पर तीन जुलाई को शुरू होगी।
दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की 38 दिवसीय तीर्थयात्रा तीन जुलाई को दो मार्गों से शुरू होगी। इसमें अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबा बालटाल मार्ग है।
प्राधिकारियों ने यात्रा के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
तीर्थयात्रियों का पहला जत्था दो जुलाई को जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिविर से कश्मीर के लिए रवाना होगा।
उप संभागीय मजिस्ट्रेट मनु हंसा ने कहा, ‘‘अमरनाथ यात्रा के लिए देश के अन्य भागों से जम्मू पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के लिए मौके पर पंजीकरण शुरू हो गया है। श्रद्धालुओं को टोकन दिये जाने के साथ यह किया जा रहा है।’’
अधिकारियों ने बताया कि यहां शालीमार इलाके में अपंजीकृत श्रद्धालुओं के लिए मौके पर ही पंजीकरण केंद्र स्थापित किए गए हैं, जबकि पुरानी मंडी स्थित राम मंदिर परिसर में साधुओं के पंजीकरण के लिए एक विशेष शिविर बनाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘पंजीकरण तीन केंद्रों - वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा - पर किया जा रहा है। सरस्वती धाम एकमात्र केंद्र है, जहां से भक्त टोकन प्राप्त कर सकते हैं। पंजीकरण केंद्र सुबह सात बजे खुल गए।’’
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू स्थित राम मंदिर में साधुओं का पंजीकरण शुरू हो गया है और उनके लिए सभी इंतजाम किये गये हैं।
उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न हिस्सों से 300 से अधिक साधु राम मंदिर परिसर में पहुंचे हैं, जो उनके लिए आधार शिविर है। उन्होंने बताया कि यहां उनके लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई है।
अधिकारियों ने बताया कि बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बीच 1,600 से अधिक तीर्थयात्री कल कश्मीर की अपनी आगे की यात्रा पर जाने के लिए यहां भगवती नगर आधार शिविर पहुंचे हैं।
संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘जम्मू क्षेत्र में लखनपुर से बनिहाल तक विभिन्न ठहराव केंद्रों पर 50,000 से अधिक लोगों के लिए भोजन और ठहरने की व्यवस्था की गई है। इस उद्देश्य के लिए कुल 106 आवास केंद्र स्थापित किए गए हैं।’’
कुमार ने बताया कि यात्रा दो जुलाई को जम्मू से शुरू होगी और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा कड़ी सुरक्षा के बीच भगवती नगर आधार शिविर से इसे हरी झंडी दिखाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘यात्रा औपचारिक रूप से तीन जुलाई को कश्मीर से शुरू होगी।’’
अमरनाथ यात्रा के लिए यहां पहुंचे तीर्थयात्रियों में उत्साह साफ देखा जा सकता है।
भगवती नगर आधार शिविर में पहुंचे पंजाब के संतोख सिंह ने कहा कि यह नौवीं बार है जब वह अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन के लिए आए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपना पंजीकरण करवाकर खुशी हो रही है। मैं कल जम्मू से अमरनाथ के लिए पहले जत्थे में यात्रा करूंगा और बाबा बर्फानी के दर्शन करने वाले पहले लोगों में शामिल होऊंगा।’’
उत्तराखंड की एक अन्य तीर्थयात्री उमा शुक्ला ने मौके पर ही पंजीकरण के बाद पहले जत्थे में यात्रा करने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बहुत खुशी है कि मैं अब पहले जत्थे में अमरनाथ के दर्शन करने जा रही हूं।’’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस साल जम्मू संभाग में वार्षिक अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की कुल 180 कंपनियां तैनात की गई हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में 30 अधिक हैं। एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं।
जम्मू क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) भीम सेन टूटी ने कहा, ‘‘प्रशासन इस साल सफल यात्रा सुनिश्चित करने के लिए तैयार और प्रतिबद्ध है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यात्रा के लिए बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की है।’’
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