Jagannath Rath Yatra 2025: तीनों देवताओं का रथ पहुंचा गुंडिचा मंदिर, 9 दिन मौसी के यहां ठहरेंगे भगवान
पुरी में रथ यात्रा शुरू होने के एक दिन बाद शनिवार को भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथ अपने गंतव्य गुंडिचा मंदिर पहुंच गए।
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गुंडिचा मंदिर को देवताओं की ‘मौसी’ का घर माना जाता है जो हर साल जगन्नाथ मंदिर से निकलकर अपनी ‘मौसी’ के घर जाते हैं। गुंडिचा मंदिर 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से 2.6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
देवता नौ दिन बाद मुख्य मंदिर चले जाएंगे। वापसी की रथ यात्रा को ‘बहुदा यात्रा’ कहा जाता है जो इस साल पांच जुलाई को होगी।
इससे पहले दिन में ‘‘जय जगन्नाथ’’ और ‘‘हरि बोल’’ के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने आज सुबह लगभग 10 बजे तीनों रथों को फिर से खींचना शुरू किया। पुरी में 27 जून की रात रथयात्रा रोक दी गई थी।
रथों को शुक्रवार शाम तक गुंडिचा मंदिर पहुंचना था, लेकिन भगवान बलभद्र का तालध्वज रथ के एक मोड़ पर फंस जाने के कारण श्रद्धालुओं को ग्रैंड रोड पर रुकना पड़ा, जिससे अन्य दो रथ भी आगे नहीं बढ़ सके।
परंपरा के अनुसार, सबसे आगे ‘तालध्वज’ रहता है, उसके बाद देवी सुभद्रा का रथ ‘दर्पदलन’ और भगवान जगन्नाथ का रथ ‘नंदीघोष’ रहता है।
विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, पुलिस महानिदेशक वाई. बी. खुरानिया और अन्य वरिष्ठ अधिकारी को भगवान जगन्नाथ के ‘नंदीघोष’ रथ को खींचते दिखे।
रथों के अपने गंतव्य पहुंचने पर इन्हें गुंडिचा मंदिर के बाहर रखा गया।
औपचारिक शोभायात्रा के बाद देवताओं को रविवार को मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाधी ने कहा, ‘‘हम रथ यात्रा के संचालन के लिए श्रद्धालुओं समेत सभी हितधारकों को धन्यवाद देते हैं।’’
पांच बार ओडिशा के मुख्यमंत्री रह चुके और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने रथ यात्रा के दौरान नंदीघोष रथ खींचने में हुई ‘अत्यधिक देरी’ पर दुख जताया, उन्होंने कहा कि राज्य के सबसे पवित्र आयोजन के दौरान जो कुछ भी घटित हुआ, उस पर चिंता और दुख व्यक्त किए बिना रह पाना असंभव है।
मुंबई के एक अस्पताल में सर्जरी के बाद स्वास्थ्य लाभ ले रहे पटनायक ने शनिवार को ‘एक्स’ पर एक विस्तृत पोस्ट में लिखा, “हम यहां कल नंदीघोष (भगवान जगन्नाथ) के रथ को खींचने में हुई अत्यधिक देरी के लिए प्रशासन पर उंगली उठाने या उसे दोष देने के लिए नहीं हैं। लेकिन हमारे राज्य में सबसे पवित्र आयोजन के दौरान जिस तरह से चीजें घटित हुईं, उस पर अपनी गहरी चिंता और पीड़ा व्यक्त किए बिना रहना असंभव है।
इस बीच, डीजीपी वाई. बी. खुरानिया ने कहा कि रथों की सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं।
शनिवार को रथ यात्रा के दौरान बीमार पड़े 600 से अधिक श्रद्धालुओं का पुरी के विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया गया।
कई लोग धक्का-मुक्की के कारण घायल हो गए जबकि 200 से अधिक लोग गर्मी और उमस भरे मौसम के कारण बेहोश हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को वार्षिक रथ यात्रा में लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया था और लगभग पांच लाख श्रद्धालु शनिवार को पुरी में मौजूद थे। उन्होंने बताया कि शनिवार को हल्की बारिश हुई।
ओडिशा पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के लगभग 10,000 जवानों की तैनाती के साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच वार्षिक रथ यात्रा आयोजित की जा रही है।
पुलिस ने रथ यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सभी प्रबंध किए हैं। पुलिस महानिदेशक खुरानिया ने बताया कि भीड़ पर नजर रखने के लिए 275 से अधिक एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) से लैस सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
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