मानसून से प्रभावित केरल को मंगलवार को भी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। निचले इलाके व्यापक पैमाने पर जलमग्न हो गए हैं और समुद्र में ऊंची लहरें उठने के कारण तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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विभिन्न जिलों में निचले इलाकों में रह रहे कई परिवारों को राहत शिविरों में ले जाया गया है। समुद्र में ऊंची लहरें उठने और उसका पानी इलाकों में पहुंचने के कारण दक्षिणी तटीय क्षेत्रों में भारी तबाही की खबरें हैं।
एर्नाकुलम जिले में मछुआरों की बस्ती कन्नमली में मंगलवार सुबह स्थानीय लोगों ने जलभराव और तटीय क्षरण की लंबे समय से चली आ रही समस्या के स्थायी समाधान की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
कन्नमली में बुजुर्गों और बच्चों को गहरे पानी में चलते हुए देखा गया। निवासियों ने बताया कि समुद्र में ऊंची लहरें उठने के कारण कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, कोट्टायम जिले में तीन और त्रिशूर में 12 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। त्रिशूर में एक मकान पूरी तरह नष्ट हो गया और 11 अन्य आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
प्राधिकारियों ने बताया कि नदियों के उफान पर रहने के कारण कासरगोड जिले में भी कई इलाकों में जलभराव हुआ और मिट्टी धंस गयी है।
इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आने वाले कुछ घंटों में तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, पथनमथिट्टा, इडुक्की, कन्नूर और कासरगोड में एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश और 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान जताया है।
उसने बताया कि राज्य के अन्य जिलों में एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश और 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
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