ISRO अध्यक्ष S. Somnath ने आदित्य L-1 की सफलता के लिए पूजा की

Last Updated 01 Sep 2023 08:08:16 PM IST

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने शुक्रवार को भारत के सूर्य मिशन की सफलता के लिए श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के पास एक मंदिर में प्रार्थना की।


इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने आदित्य एल-1 की सफलता के लिए पूजा की

सूर्य का अध्ययन करने के उद्देश्य से शनिवार को आदित्य एल-1 मिशन के महत्वपूर्ण प्रक्षेपण से पहले सोमनाथ ने स्पेसपोर्ट के पास चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर में पूजा की।

पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मैं इस प्रक्षेपण को सफल बनाने और हमें शक्ति देने के लिए चेंगलम्मा परमेश्वरी से प्रार्थना करने के लिए आया हूं।"

इससे पहले इसरो वैज्ञानिकों के एक समूह ने शुक्रवार सुबह तिरुमाला मंदिर में पूजा-अर्चना की थी।

एस. सोमनाथ ने कहा कि पीएसएलवी-सी57 आदित्य एल-1 मिशन के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसे शनिवार सुबह 11.50 बजे लॉन्च किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उपग्रह को आवश्यक स्थान तक पहुंचने और इंजेक्ट करने में लगभग एक घंटा लगेगा। आदित्य एल-1 मिशन सूर्य का अध्ययन करने के लिए है। पृथ्वी से एल-1 बिंदु तक यात्रा में 125 दिन और लगेंगे, जहां से उपग्रह सूर्य पर नजर रखेगा।

एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए इसरो प्रमुख ने कहा कि चंद्रयान-4 की तारीख अभी तय नहीं की गई है। हम जल्द ही घोषणा करेंगे। कुछ तो है।

चंद्रयान-3 मिशन पर एस. सोमनाथ ने कहा कि चंद्र रोवर प्रज्ञान बहुत अच्छे से काम कर रहा है। चंद्रमा के चारों ओर घूम रहा है और चक्कर लगा रहा है, जो 3 सितंबर तक चलेगा।

इससे पहले अंतरिक्ष एजेंसी के कुछ वैज्ञानिकों ने शुक्रवार सुबह तिरुमाला पहाड़ियों के ऊपर श्री वेंकटेश्वर मंदिर का दौरा किया और आदित्य एल-1 मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना की।

आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को सौर करोना के दूरस्थ अवलोकन और एल-1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा के सीटू-अवलोकन प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर है।

सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला पीएसएलवी-सी57 रॉकेट से लॉन्च की जाएगी।

इसरो वैज्ञानिकों के लिए प्रमुख अभियानों से पहले प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर में प्रार्थना एक आम बात है। जुलाई में उन्होंने चंद्रयान-3 के लघु मॉडल के साथ मंदिर में 'पूजा' की थी।

चंद्रयान-3 ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग करके इतिहास रचा था। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत एकमात्र देश बन गया।

आईएएनएस
तिरूपति (आंध्र प्रदेश)


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