स्कूलों और कॉलेजों में यौन शिक्षा देने की आवश्यकता : केरल हाईकोर्ट
केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में 'सुरक्षित यौन शिक्षा' को शामिल करने की आवश्यकता पर विचार करने को कहा है।
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स्कूलों और कॉलेजों में यौन शिक्षा को शामिल करने को लेकर काेेेर्ट की टिप्पणी एक याचिका की सुनवाई के दौरान सामने आई। एक व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी की गर्भावस्था खत्म करने को लेकर याचिका दायर की थी। बता दें कि मासूम को उसकेे अपने भाई ने ही गर्भवती कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि इसमें माता-पिता को कोई दोष नहीं दे सकता, बल्कि इसके लिए समाज ही जिम्मेदार है। भाई का बहन के साथ ऐसा करना परिवार में एक अच्छे माहौल की कमी है। 'सुरक्षित यौन संबंध' के बारे में ज्ञान की कमी इसका सबसे बड़ा कारण है। कोर्ट ने कहा कि समाज को एक बेहतर माहौल देने के लिए स्कूलों और कॉलेजों को उचित यौन शिक्षा की आवश्यकता के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।
कोर्ट ने स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में 'सुरक्षित यौन शिक्षा' को शामिल करने के मुद्दे का अध्ययन करने के लिए एक समिति बनाने को कहा है। इससे पहले कोर्ट ने नाबालिग के सातवें महीने के गर्भ की चिकित्सकीय मदद करने की अनुमति दी थी। लेकिन, बाद में बताया गया कि नाबालिग ने एक बच्चे को जन्म दिया है। जिसके बाद कोर्ट ने बाल कल्याण समिति को नवजात शिशु की कस्टडी लेने का निर्देश दिया था। बाल कल्याण समिति ने बाद में अदालत को सूचित किया कि बच्चे को उन्हें सौंप दिया गया और नाबालिग को उसके चाचा के पास सुरक्षित पहुंचा दिया गया है।
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