कर्नाटक में पीएम मोदी ने राजनीतिक दलों पर साधा निशाना, बोले- क्षेत्रीय भाषाओं के साथ हुआ ’खेल‘

Last Updated 26 Mar 2023 06:57:41 AM IST

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय भाषाओं को समर्थन देने की पर्याप्त कोशिश नहीं करने और उन्हें लेकर ‘खेल खेलने’ के लिए शनिवार को राजनीतिक दलों पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि ये दल गांवों, पिछड़े वर्ग के लोगों एवं गरीबों को चिकित्सक या इंजीनियर बनते नहीं देखना चाहते।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

मोदी ने मेडिकल के पेशे में शामिल होने में ग्रामीण एवं गरीब परिवारों के युवाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस बात को समझते हुए भाजपा सरकार ने मेडिकल की शिक्षा में कन्नड़ समेत भारतीय भाषाओं में पढ़ाई का विकल्प मुहैया कराया। मोदी ने कहा, ‘‘मैं आपके सामने उस चुनौती का जिक्र करना चाहता हूं, जो मेडिकल पेशे के समक्ष है। इस चुनौती के कारण गांवों से आने वाले, गरीब परिवारों से संबंध रखने वाले और पिछड़े वर्ग के युवाओं के लिए चिकित्सक बनना मुश्किल हो गया था।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चिक्कबल्लापुर जिले में मुद्देनहल्ली के सत्य साई ग्राम में निशुल्क सेवाओं के लिए स्थापित ‘श्री मधुसूदन साई इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च’ (एसएमएसआईएमएसआर) का शनिवार को उद्घाटन किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि कुछ दलों ने अपने राजनीतिक स्वार्थ और वोट-बैंक की खातिर भाषाओं को लेकर ‘खेल’ खेला, लेकिन उन्होंने भाषाओं को सही अथरे में प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक काम नहीं किए।

मोदी ने कहा, ‘‘कन्नड़ एक समृद्ध भाषा है। यह एक ऐसी भाषा है, जो देश के गौरव को बढ़ाती है। इससे पहले सरकारों ने मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी की कन्नड़ में शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में कदम नहीं उठाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ये राजनीतिक दल नहीं चाहते कि गांवों, गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों के बेटे और बेटियां चिकित्सक या इंजीनियर बनें, जबकि गरीबों के कल्याण के लिए काम करने वाली हमारी सरकार ने कन्नड़ समेत भारतीय भाषाओं में मेडिकल शिक्षा का विकल्प दिया है।’’ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर और मधुसूदन साई इस मौके पर मौजूद थे।

देश में आज 650 से अधिक मेडिकल कॉलेज
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के विकास के लिए पिछले नौ साल में ईमानदार प्रयास किए गए और चिकित्सकीय शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 2014 में देश में 380 से भी कम चिकित्सकीय कॉलेज थे और आज इनकी संख्या 650 से अधिक है तथा इनमें से 40 आकांक्षी जिलों या पिछड़े जिलों में बनाए गए हैं। मोदी ने कहा कि पिछले नौ साल में देश में मेडिकल की सीट भी दोगुनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि आगामी 10 साल में चिकित्सक बनने वालों की संख्या आजादी के बाद से पिछले 75 साल में चिकित्सक बने लोगों के बराबर होगी।

बहुत-सा काम होना बाकी है

मोदी ने कहा कि उन्होंने भारत को विकसित बनाने के लिए 2047 का लक्ष्य रखा है, इसलिए उनसे कई बार पूछा जाता है कि क्या भारत इतने छोटे समय में एक विकसित देश बन सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘उनका कहना है कि कई चुनौतियां हैं और बहुत-सा काम होना बाकी है.. लेकिन इस सवाल का एक ही जवाब है: संयुक्त प्रयासों से इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।’’

भाषा
चिक्कबल्लापुर


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