राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट
पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली जिले की एक अदालत ने 14 साल पुराने एक मामले में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।
![]() महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे |
2008 में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के लिए राज ठाकरे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 109 और 117 (अपराध के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
गैर-जमानती वारंट जारी करते हुए सांगली जिले के शिराला में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) ने मुंबई पुलिस आयुक्त को मनसे प्रमुख को आठ जून से पहले गिरफ्तार कर अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया।
14 साल पुराना मामला
2008 में मनसे कार्यकर्ताओं ने स्थानीय युवाओं को नौकरियों में प्राथमिकता देने की मांग को लेकर हुए एक आंदोलन के सिलसिले में राज ठाकरे की गिरफ्तारी के खिलाफ शिराला में विरोध-प्रदर्शन किया था।
मनसे के एक स्थानीय पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि इस मामले को तूल दिया जा रहा है, क्योंकि राज ठाकरे ने मस्जिदों के ऊपर लगे लाउडस्पीकर का मुद्दा उठाया है।
भाषण को लेकर मामला दर्ज
औरंगाबाद पुलिस ने चार मई से मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को ‘बंद करने’ की मनसे प्रमुख राज ठाकरे की धमकी के कुछ दिनों बाद मंगलवार को उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया।
महाराष्ट्र के डीजीपी ने कहा कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर के संबंध में राज के भाषण को लेकर औरंगाबाद पुलिस आयुक्त उनके खिलाफ उपयुक्त कानूनी कार्रवाई करेंगे।
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