गुजरात के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जामनगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा

Last Updated 14 Sep 2021 03:52:57 PM IST

गुजरात के राजकोट और जामनगर जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश से संकट पैदा हो गया है। आज गुजरात के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आपदा-प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करने निकले।


भूपेंद्र पटेल ने जामनगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा

सौराष्ट्र, मुख्य रूप से जामनगर और राजकोट में दो दिनों से भी कम समय में मूसलाधार बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई है। सौराष्ट्र में अब तक 7,656 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।

 

प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है। कई लोगों को सोमवार को भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टरों से एयरलिफ्ट करना पड़ा। आईएएफ ने जामनगर से 24 लोगों को बचाया।

राजकोट की लोधीका तहसील में इतनी तेज बारिश हुई कि सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक महज दस घंटे में करीब सात इंच बारिश हुई। पानी लोगों के घरों में घुस गया और भोजन, कीमती सामान और संपत्ति को नष्ट कर दिया। एनडीआरएफ की टीमों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए नावों का इस्तेमाल किया। कई गांव बाकी इलाके से कटकर द्वीपों में तब्दील हो गए।

स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, राज्य में औसत वार्षिक वर्षा का लगभग 70 प्रतिशत प्राप्त हुआ है, सौराष्ट्र के अधिकांश जिलों में वार्षिक औसत का 92 प्रतिशत से 98 प्रतिशत प्राप्त हुआ है।

भारतीय मौसम विभाग ने सौराष्ट्र के कई स्थानों के लिए मंगलवार को ऑरेंज अलर्ट और बुधवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

200 से अधिक लोगों को बचाया गया

गुजरात के राजकोट और जामनगर जिलों में पिछले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश हुई और बाढ़ में फंसे हुए 200 से अधिक लोगों को बचाया गया जबकि दोनों जिलों में सात हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि बाढ़ के कारण जामनगर में एक राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा सौराष्ट्र क्षेत्र के राजकोट, जामनगर और जूनागढ़ जिलों से गुजरने वाले 18 राज्य राजमार्ग बंद कर दिए गए, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। उन्होंने बताया कि भारी बारिश के बाद कई गांवों का संपर्क सड़कों से टूट गया है।


अधिकारियों ने बताया कि फोफल नदी पर बना हुआ एक पुल गिर गया, जिससे राजकोट जिले में जाम कंडोरना और गोंडल को जोड़ने वाली सड़क बंद हो गई। राजकोट और जामनगर में रातभर बारिश के बाद मंगलवार को दोनों जिलों में बारिश कुछ कम हुई, जबकि पड़ोसी जूनागढ़ जिले में दिन में भारी बारिश होने की खबर मिली है।

अधिकारियों के अनुसार भारी बारिश से बुरी तरह प्रभावित दोनों जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीमों की ओर से चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों में मदद के लिए भारतीय वायु सेना (आईएएफ), नौसेना और तटरक्षक बल को बुलाया गया।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने एक ताजा बुलेटिन कहा कि राजकोट के लोधिका तालुका में मंगलवार सुबह छह बजे समाप्त 24 घंटे की अवधि के दौरान राज्य में सबसे अधिक 516 मिलीमीटर (मिमी) बारिश हुई।

एसईओसी ने कहा कि सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले के विसावदर तालुका में 468 मिमी बारिश हुई, जबकि जामनगर के कलावाड़ में 406 मिमी, राजकोट तालुका में 325 मिमी और राजकोट के धोराजी में 250 मिमी बारिश हुई।

अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टरों ने जामनगर जिले के कई स्थानों में फंसे हुए 22 लोगों को बचाया। जिले में कुल 150 लोगों को बचाया गया। उन्होंने बताया कि वायु सेना ने राजकोट में भी सात ग्रामीणों को बचाया जबकि जिले में कुल 56 लोगों को बचाया गया।

राजकोट के जिलाधिकारी अरुण महेश बाबू ने कहा, ‘‘नौसेना की एक टीम सोमवार को राजकोट में पानी के तेज बहाव में कार के बह जाने के बाद लापता हुए दो लोगों की तलाश के लिए अभियान में मदद कर रही है।’’

जामनगर के जिलाधिकारी सौरभ पारधी ने कहा कि नौसेना और तटरक्षक बल की टीमों ने भी जामनगर प्रशासन की शहर में 150 से 160 लोगों को बचाने में मदद की क्योंकि स्थानीय बचाव दल जल स्तर में वृद्धि के कारण वहां नहीं पहुंच पाए। गुजरात में मानसून के मौसम में सामान्य रूप से होने वाली बारिश का इस बार 69.24 प्रतिशत ही हुआ है।

एसईओसी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक गुजरात में इस महीने अब तक 219.2 मिमी बारिश हुई है। अगस्त में 65.3 मिमी, जुलाई में 176.7 मिमी जबकि जून में 120.4 मिमी बारिश हुई थी।

 

भाषा/आईएएनएस
अहमदाबाद


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