श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) खातों से अग्रिम निकासी के दावों के स्वतः निपटान की सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की मंगलवार को घोषणा की।

|
इस कदम से सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ के सदस्य तीन दिन के भीतर पांच लाख रुपये तक की अपनी अग्रिम वापसी के दावों को प्राप्त करने में सक्षम होंगे।
फिलहाल स्वतःनिपटान माध्यम से तीन दिनो के भीतर एक लाख रुपये तक के दावों का निपटान हो सकता है।
मांडविया ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को खासकर तत्काल जरूरतों के समय में त्वरित कोष पहुंच देने के लिए अग्रिम दावों के स्वतः निपटान की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया है।’’
उन्होंने कहा कि इस सेवा के विस्तार से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के लाखों सदस्यों को लाभ होने की उम्मीद है।
सात करोड़ से अधिक सदस्यों वाले ईपीएफओ ने कोविड-19 महामारी के समय वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहे कर्मचारियों को त्वरित सहायता देने के मकसद से पहली बार ऑनलाइन स्वतः निपटान व्यवस्था शुरू की थी।
उसके बाद से इस सुविधा के तहत बीमारी, शिक्षा, विवाह और आवास उद्देश्यों के लिए अग्रिम दावों को भी लाया गया था।
इन दावों का निपटान किसी भी मानवीय भागीदारी के बगैर प्रणालीगत स्तर पर स्वचालित ढंग से किया जाता है, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
मांडविया ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में ईपीएफओ ने स्वतः निपटान के जरिये रिकॉर्ड 2.34 करोड़ के अग्रिम दावों का निपटारा किया। यह वित्त वर्ष 2013-14 में निपटाए गए 89.52 लाख दावों की तुलना में 161 प्रतिशत अधिक है।
उन्होंने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में सभी अग्रिम दावों में से 59 प्रतिशत स्वतः निपटान व्यवस्था के जरिये निपटाए गए जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 31 प्रतिशत था।
चालू वित्त वर्ष के पहले ढाई माह में ईपीएफओ 76.52 लाख दावों का स्वतः निपटान कर चुका है।
| | |
 |