दिल्ली में जल संकट के लिए आप सरकार का कुप्रबंधन जिम्मेदार : एलजी
उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राजधानी में पानी की किल्लत को लेकर दिल्ली सरकार की दावे की पोल खोल दी है।
![]() उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना |
सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर जारी वीडियो में एलजी ने कहा है कि पेयजल की किल्लत मुख्य सरकार का कुप्रबंधन है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार निर्धारित कोटे का पानी दिल्ली को दे रहे हैं। सक्सेना का कहना है कि 54 फीसद पानी का सरकार के पास हिसाब नहीं है।
पानी की आपूर्ति के दौरान 40 फीसद पानी की पुरानी और जर्जर पाइप लाइनों की वजह से बर्बाद हो रहा है। एलजी ने वीडियो में खुलासा किया है कि दिल्ली की उच्चस्तरीय कॉलोनियों में सरकार प्रति व्यक्ति 550 लीटर पानी की आपूर्ति करती है, जबकि कच्ची कॉलोनियों में प्रति व्यक्ति मात्र 15 लीटर पानी दिया जा रहा है। उनका यह भी दावा है कि बजीराबाद को छोड़कर सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट क्षमता से अधिक पानी का उत्पादन कर रहे हैं।
एलजी ने वीडियो में प्रख्यात शायर गालिब की एक शायरी का उल्लेख करते हुए कहा है कि उम्र भर गालिब, यही भूल करता रहा। धूल चेहरे पर थी, और आइना साफ करता रहा। दिल्ली सरकार पर हमला करते हुए उप-राज्यपाल ने कहा है कि बीते कुछ दिनों से दिल्ली में पेयजल को लेकर सरकार का बेहद गैर-जिम्मेदाराना रवैया देखने को मिल रहा है। दिल्ली में महिलाएं, बच्चे, बूढ़े और जवान अपनी जान जोखिम में डालकर एक बाल्टी पानी के लिए टैंकरों के पीछे भागते दिख रहे हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में इस तरह के हृदय विदारक दृश्य देखने की कभी कल्पना भी नहीं की होगी। मुख्यमंत्री पर सीधे निशाना साधते हुए उन्होंने कहा है कि अपनी विफलताएं छिपाने के लिए पड़ोसी राज्यों पर दोषारोपण सरकार की आदत बन गई है। 24 घंटे पेयजल की आपूर्ति करने का मुख्यमंत्री का दावा आज छलावा साबित हुआ है। एलजी का कहना है कि बीते 10 सालों में हजारों करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी पुरानी लाइनों को दुरुस्त नहीं किया गया है।
हद तो यह है कि पानी की चोरी करके टैंकर माफियाओं को बेचा जा रहा है। मुझे बताया गया है कि आज के दिन भी बजीराबाद को छोड़कर सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी क्षमता से अधिक उत्पादन कर रहे हैं। बजीराबाद ट्रीटमेंट प्लांट के कम क्षमता पर काम करने की वजह जलाशय में भरी गाद है।
उन्होंने खुलासा किया है कि बीते 10 साल में बजीराबाद जलाशय की सफाई नहीं हुई है। वर्ष 2013 से पहले बजीराबाद प्लांट की क्षमता 250 मिलियन गैलन की थी, जो अब केवल 16 मिलियन गैलन रह गई है।
जलाशय से गाद निकालने के लिए मैने खुद मुख्यमंत्री जी को पत्र लिखा था। मुझे यह कहते हुए अफसोस हो रहा है कि केजरीवाल अपनी क्षमता, असमर्थता को छिपाने के लिए दूसरे को दोषारोपण करना आदत बन गई है।
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