Delhi Flood: 208.48 मीटर के रिकॉर्ड लेवल तक पहुंचा यमुना का जलस्तर, DDMA ने बुलाई विशेष बैठक, CM केजरीवाल ने की ये अपील...

Last Updated 13 Jul 2023 10:38:51 AM IST

दिल्ली में यमुना का जलस्तर गुरूवार को सुबह बढ़कर 208.48 मीटर पर पहुंच गया, जिससे आसपास की सड़कें, सार्वजनिक व निजी बुनियादी ढांचे जलमग्न हो गए और नदी के पास रहने वाले लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।


पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर बुधवार रात 208 मीटर के निशान को पार कर गया था और गुरूवार सुबह आठ बजे तक बढ़कर 208.48 मीटर पर पहुंच गया।

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, इसके और बढ़ने की आशंका है, उसने इसे ‘‘भीषण स्थिति’’ करार दिया है।

हर गुजरते घंटे के साथ स्थिति बिगड़ने के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया और पुलिस ने एहतियाती तौर पर राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में बुधवार को धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी। इस धारा के तहत चार से अधिक लोगों के एक ही स्थान पर एकत्रित होने पर रोक होती है।

केजरीवाल ने लोगों से की एक-दूसरे के सहयोग की अपील

यमुना नदी का जल स्तर 208.46 मीटर को पार करने के साथ ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को लोगों से अपील की कि वे जलमग्न इलाकों में न जाएं, बल्कि इस आपातकालीन स्थिति में एक-दूसरे की मदद करें।



केजरीवाल ने ट्वीट किया, "यमुना नदी का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। यह अब 208.46 मीटर तक पहुंच गया है। बढ़ते जल स्तर के कारण आसपास की सड़कों पर पानी भरना शुरू हो गया है। मेरा आपसे अनुरोध है कि इन सड़कों पर यात्रा न करें।"


जलस्तर बढ़ने से आसपास के इलाके जलमग्न होते जा रहे हैं। जलमग्न इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

 



ऐसी बाढ़ 45 साल पहले आई थी जब यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर को पार कर गया था।

केजरीवाल ने ट्वीवी किया, "प्रशासन पानी में डूबे इलाकों से लोगों को निकाल रहा है। मैं उन इलाकों के निवासियों से अधिकारियों के साथ सहयोग करने का आग्रह करता हूं। जीवन बचाना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। मैं दिल्ली के सभी निवासियों से आपातकालीन स्थिति में एक-दूसरे के समर्थन करने की अपील करता हूं।"

बाढ़ के हालात पर डीडीएमए की विशेष बैठक

दिल्ली के उप राज्यपाल वी के सक्सेना राष्ट्रीय राजधानी में बाढ के हालात पर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की गुरूवार को एक विशेष बैठक करेंगे। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इस बैठक में शामिल होंगे। केजरीवाल डीडीएमए के उपाध्यक्ष भी हैं।

इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे पत्र में केजरीवाल ने अनुरोध किया, ‘‘यदि संभव हो तो हरियाणा में हथिनीकुंड बैराज से पानी धीरे धीरे छोड़ा जाए।’’

केजरीवाल ने गृहमंत्री अमित शाह का ध्यान आगामी जी-20 शिखर सम्मेलन की ओर आकर्षित करते हुए लिखा कि दिल्ली कुछ हफ्तों में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने वाली है।उन्होंने कहा, ‘‘देश की राजधानी में बाढ़ की खबर से दुनिया में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। हम सबको मिलकर दिल्ली के लोगों को इस स्थिति से बचाना होगा।’’

यमुना पर दो प्रमुख बैराज हैं, देहरादून में डाकपत्थर और यमुनानगर में हथिनीकुंड। नदी पर कोई बांध नहीं हैं और इसलिए अकसर मानसून के जल का इस्तेमाल नहीं हो पाता जिसके परिणामस्वरूप बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है।

दिल्ली में पिछले तीन दिन में यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। यह रविवार सुबह पूर्वाह्न 11 बजे 203.14 मीटर से बढ़कर सोमवार शाम पांच बजे 205.4 मीटर हो गया, जो उम्मीद से 18 घंटे पहले खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया। सोमवार रात नदी का जलस्तर 206 मीटर के निशान को पार कर गया था। बुधवार दोपहर एक बजे तक नदी का जलस्तर 207.49 मीटर के निशान और रात 10 बजे यह 208 मीटर के निशान को पार कर गया।

दिल्ली में बड़ी बाढ़ 1924, 1977, 1978, 1988, 1995, 1998, 2010 और 2013 में आईं। 1963 से 2010 तक के बाढ़ आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला कि सितंबर में बाढ़ आने की प्रवृत्ति बढ़ती है और जुलाई में घटती है।

सीडब्ल्यूसी के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज पर रात में जल के प्रवाह की दर 1.5 क्यूसेक से अधिक थी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, दिल्ली में रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पिछले 24 घंटे की अवधि में 153 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की गई, जो 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में हुई सर्वाधिक बारिश है। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार सुबह साढ़े आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में 107 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।

पिछले साल सितंबर में यमुना ने दो बार खतरे के निशान को पार किया था और जलस्तर 206.38 मीटर तक पहुंच गया था। वर्ष 2019 में 18-19 अगस्त को नदी में 8.28 लाख क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया और जलस्तर 206.6 मीटर तक बढ़ गया। 2013 में यह 207.32 मीटर के स्तर पर पहुंच गया था।

भाषा
नई दिल्ली


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