गणतंत्र दिवस : भारत के स्वदेशी सैन्य कौशल के साथ कर्तव्य पथ पर मार्च

Last Updated 25 Jan 2023 07:08:12 PM IST

गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगी। यह देश की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का एक अनूठा मिश्रण होगी, जो देश की बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं, नारी शक्ति और एक 'न्यू इंडिया' के उद्भव को प्रदर्शित करती है।


गणतंत्र दिवस : भारत के स्वदेशी सैन्य कौशल के साथ कर्तव्य पथ पर मार्च

परेड समारोह की शुरूआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाने के साथ होगी। मोदी शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित करने में देश का नेतृत्व करेंगे। इसके बाद, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर पहुंचेंगे।

परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान होगा। सबसे पहली बार, 21 तोपों की सलामी 105 मिमी की भारतीय फील्ड गन से दी जाएगी। यह पुरानी 25 पाउंडर बंदूक की जगह लेंगी, जो रक्षा क्षेत्र में बढ़ती 'आत्मनिर्भरता' को प्रदर्शित करती है। 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के चार एमआई-17 1वी -वी5 हेलीकॉप्टर कर्तव्य पथ पर मौजूद दर्शकों पर पुष्प वर्षा करेंगे।

परेड की शुरूआत राष्ट्रपति की सलामी लेने के साथ होगी। परेड की कमान परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ, अति विशिष्ट सेवा मेडल, दूसरी पीढ़ी के सेना अधिकारी संभालेंगे। मुख्यालय दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार परेड सेकेंड-इन-कमांड होंगे।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के गौरवशाली विजेता उनके पीछे-पीछे आएंगे। इनमें परमवीर चक्र और अशोक चक्र के विजेता शामिल हैं। परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कप्तान) बाना सिंह, 8 जेएके एलआई (सेवानिवृत्त); सूबेदार मेजर (मानद कप्तान) योगेंद्र सिंह यादव, 18 ग्रेनेडियर्स (सेवानिवृत्त) और सूबेदार (मानद लेफ्टिनेंट) संजय कुमार, 13 जेएके राइफल्स और अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल सीए पीठावाला (सेवानिवृत्त), जीप पर डिप्टी परेड कमांडर के पीछे कर्नल डी श्रीराम कुमार और लेफ्टिनेंट कर्नल जस राम सिंह (सेवानिवृत्त) होंगे। परम वीर चक्र, शत्रु के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए प्रदान किया जाता है, जबकि अशोक चक्र, वीरता और इसके अलावा, दुश्मन के सामने आत्म-बलिदान के समान कार्यों को सम्मान देने के लिए प्रदान किया जाता है।

कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्ताह एल खारासावी के नेतृत्व में पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए मिस्र के सशस्त्र बलों का संयुक्त बैंड और माचिर्ंग दल होगा। दल में 144 सैनिक शामिल होंगे, जो मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व करेंगे।

भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के एक माउंटेड कॉलम, नौ मैकेनाइज्ड कॉलम, छह माचिर्ंग टुकड़ियों और आर्मी एविएशन कॉर्प्स के एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) द्वारा एक फ्लाई पास्ट द्वारा किया जाएगा। मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन, नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस), बीएमपी-2 एसएआरएटीएच का इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल, क्विक रिएक्शन फाइटिंग व्हीकल, के-9 वज्र-ट्रैक्ड सेल्फ-प्रोपेल्ड होवित्जर गन, ब्रह्मोस मिसाइल, 10 मीटर शॉर्ट स्पैन ब्रिज, मोबाइल माइक्रोवेव नोड और मैकेनाइज्ड कॉलम में मोबाइल नेटवर्क सेंटर और आकाश (नई पीढ़ी के उपकरण) मुख्य आकर्षण होंगे।

61 कैवलरी की वर्दी में पहली टुकड़ी का नेतृत्व कैप्टन रायजादा शौर्य बाली करेंगे। 61 कैवलरी दुनिया में एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार कैवेलरी रेजिमेंट है, जिसमें सभी 'स्टेट हॉर्स यूनिट्स' का संयोजन है।

भारतीय नौसेना दल में 144 युवा नाविक शामिल होंगे, जिसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कमांडर दिशा अमृत कंटिजेंट कमांडर करेंगी। मार्च करने वाली टुकड़ी में पहली बार तीन महिलाएं और छह अग्निवीर शामिल हैं। इसके बाद नौसेना की झांकी होगी, जिसे 'इंडियन नेवी - कॉम्बैट रेडी, क्रेडिबल, कोहेसिव एंड फ्यूचर प्रूफ' थीम पर डिजाइन किया गया है। यह भारतीय नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं, नारी शक्ति और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के अंतर्गत स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित संपत्तियों को प्रदर्शित करेगा।

झांकी के आगे के हिस्से में डोर्नियर विमान के महिला चालक दल को दिखाया जाएगा, जो पिछले वर्ष किए गए सभी महिला चालक दल की निगरानी को उजागर करेगा। झांकी का मुख्य भाग नौसेना की 'मेक इन इंडिया' पहल को प्रदर्शित करेगा। समुद्री कमांडो तैनात ध्रुव हेलीकॉप्टर के साथ नए स्वदेशी नीलगिरी वर्ग के जहाज का एक मॉडल होगा। किनारों पर स्वदेशी कलवारी श्रेणी की पनडुब्बियों के मॉडल दर्शाए जाएंगे।

स्वदेशी रूप से विकसित व्हील्ड आर्मर्ड प्लेटफॉर्म (डबल्यूएचएपी), एक मॉड्यूलर 8 बाई 8 पहिए वाला कॉम्बैट प्लेटफॉर्म 70 टन के ट्रेलर पर ले जाया जा रहा है, जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा उपकरण के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।

कर्तव्यपथ पर दिखेगी सैन्य व नारी शक्ति की झलक

राजपथ के पुनर्निर्माण के बाद तैयार कर्तव्य पथ पर 74वें गणतंत्र दिवस पर भारत की सैन्य और सांस्कृतिक झलक का प्रदर्शन होगा। इस बार मुख्य अतिथि के रूप में मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फतह अल-सीसी हैं। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू अपने कार्यकाल की पहली सलामी लेंगे। इस साल गणतंत्र दिवस पर 25पाउंडर बंदूकों वाली पुरानी तोपों के बजाय नए 105 एमएम इंडिन फिल्ड गन से राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी जाएगी।
गणतंत्र दिवस परेड सुबह 10:30 बजे शुरू होगी, देश के सैन्य कौशल और सांस्कृतिक विविधता का एक अनूठा मिशण्रहोगी, जो देश की बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं, नारी शक्ति और ‘नए भारत‘ के उद्भव को दर्शाती है। परेड समारोह की शुरु आत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय समर स्मारक का दौरा करने के साथ होगी। वह पुष्पांजलि अर्पित करके वीरगति को प्राप्त सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने में राष्ट्र का नेतृत्व करेंगे। इसके बाद, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पर सलामी मंच पर आंएगे। परंपरा के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और उसके बाद 21 तोपों की सलामी के साथ राष्ट्रगान होगा। 21 तोपों की सलामी 105 एमएम की भारतीय फील्ड गन के साथ दी जाएगी। सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के गौरवशाली विजेता भी इस गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होंगे। इनमें परमवीर चक्र और अशोक चक्र के विजेता शामिल हैं। पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च करने वाले कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फतह अल खरासवी के नेतृत्व में मिस्र के सशस्त्रबलों का संयुक्त बैंड और सैन्य दस्ता भारत की गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होगा। इस दस्ते में मिस के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले 144 सैनिक शामिल होंगे। देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक प्रगति और मजबूत आंतरिक एवं बाहरी सुरक्षा को दर्शाने वाली 23 झांकियां-राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से 17 और विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से छह झांकियां भी कर्तव्य पथ से गुजरेंगी।

 

 

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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