एनआईए ने सुप्रीम कोर्ट से कहा : गौतम नवलखा की मेडिकल रिपोर्ट 'दोषपूर्ण'

Last Updated 10 Nov 2022 08:41:29 PM IST

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सामाजिक कार्यकर्ता और भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी गौतम नवलखा की मेडिकल रिपोर्ट 'दोषपूर्ण' है।


भीमा कोरेगांव मामले के आरोपी गौतम नवलखा

घर में नजरबंद रखने की उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी. एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे राजू ने न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और हृषिकेश रॉय को बताया कि कहानी में ट्विस्ट है।

उन्होंने दावा किया कि मुंबई के जसलोक अस्पताल द्वारा दाखिल की गई मेडिकल रिपोर्ट दोषपूर्ण हो सकती है, क्योंकि नवलखा का साला डॉक्टर है और वह मेडिकल बोर्ड में शामिल था।

पीठ ने राजू से कहा कि उसने रिपोर्ट देखी है, जिसे विभिन्न विषयों के विभिन्न डॉक्टरों द्वारा तैयार किया गया था और कहा कि वह यह कहकर पूर्वाग्रह पैदा कर रहा है कि डॉक्टरों में से एक का नवलखा से रिश्ता है।

नवलखा का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि वह हैरान हैं। उन्होंने कहा, "वह क्या बहस कर रहे हैं? आप पहले उस आदमी पर और अब डॉक्टरों पर हमला करते हैं।"

पीठ ने राजू से पूछा, "आप कह रहे हैं कि चूंकि वह रिश्तेदार हैं, इसलिए पक्षपातपूर्ण रिपोर्ट देंगे। ऐसा नहीं हो सकता। इसे उस स्तर पर मत लाओ।"

सिब्बल ने कहा कि इसमें 12 डॉक्टर शामिल हैं और पूछा, क्या कोई इस तरह से पेश कर सकता है, खासकर भारत सरकार? राजू ने कहा कि उन्हें संदेह है कि नवलखा की मेडिकल रिपोर्ट गलत हो सकती है।

शीर्ष अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई दिसंबर के दूसरे सप्ताह में निर्धारित की और उसने एनआईए से इस बीच एक नई मेडिकल रिपोर्ट प्राप्त करने को कहा।

बुधवार को सुनवाई के दौरान राजू ने घर में नजरबंद रखने की नवलखा की याचिका का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि उनकी तबीयत इतनी खराब नहीं है।

राजू द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को उनके बिगड़ते स्वास्थ्य को देखते हुए एक महीने के लिए घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी।

शीर्ष अदालत ने कहा कि नवलखा 14 अप्रैल, 2020 से हिरासत में है और प्रथम दृष्टया उसकी मेडिकल रिपोर्ट को खारिज करने का कोई कारण नहीं है। इसमें आगे कहा गया है कि इस मामले को छोड़कर नवलखा की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है और यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी उसे माओवादियों के साथ बातचीत करने के लिए वार्ताकार के रूप में नियुक्त किया था।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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