AAP ‘हिन्दू विरोधी’, दिल्ली में प्रदूषण के लिए हर साल पटाखों पर मढ़ा जाता है दोष: शहजाद पूनावाला
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली में दिवाली पर पटाखों के इस्तेमाल को दंडनीय अपराध घोषित करने पर गुरूवार को आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर हमला बोला और उसे ‘‘हिन्दू विरोधी’’ करार दिया।
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दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को घोषणा की थी कि दिवाली के मौके पर दिल्ली में पटाखे फोड़ने पर छह महीने तक की जेल और 200 रुपए जुर्माना हो सकता है।
भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक के बाद एक ट्वीट में कहा कि प्रदूषण के कारण हिन्दुओं के दिवाली पर पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया जाता है तो वहीं मंत्री बनाए जाने पर राजकुमार आनंद के समर्थक पटाखे फोड़ते हैं।
उन्होंने सवाल उठाया, ‘‘क्या यह धर्मनिरपेक्ष प्रदूषण है?’’
पूनावाला ने कहा, ‘‘आप हिन्दू विरोधी है। हर वर्ष प्रदूषण के लिए हिन्दुओं और पटाखों पर दोष मढ़ा जाता है जबकि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण के मुख्य कारण बायोमास जलाना, गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, निर्माण कार्यो, उद्योग और पंजाब में पराली जलाया जाना है।’’
उन्होंने दिल्ली सरकार से पूछा कि इन प्रमुख कारणों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए उसने क्या कदम उठाए हैं।
Each year Hindus & crackers are blamed! Yet the fact is that IITs have said it: main causes of pollution in Delhi are
— Shehzad Jai Hind (@Shehzad_Ind) October 20, 2022
1) Biomass burning
2) Vehicular pollution
3) Dust from construction etc
4) Industrial pollution
5) Stubble burning from Punjab
What has AAP govt done? pic.twitter.com/Xz2JXLOchH
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पिछले साल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उनके पास बायो डिकंपोजर के रूप में पराली जलाने का समाधान है।
उन्होंने कहा, ‘‘अब तो पंजाब में भी आपकी सरकार है। फिर भी वहां पराली जलाए जा रहे हैं। क्या यह विफल साबित हुआ है। 68 लाख के बायो डिकंपोजर के लिए केजरीवाल के विज्ञापन में 23 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इसका नतीजा क्या निकला।’’
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने राजधानी में पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया और कहा कि विस्फोटक अधिनियम की धारा 9बी के तहत 5,000 रुपये तक का जुर्माना और तीन वर्ष की जेल होगी।
दिल्ली सरकार ने सितम्बर में एक आदेश जारी करके अगले साल एक जनवरी तक सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, बिक्री और इस्तेमाल पर फिर से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। पिछले दो साल से इस तरह का प्रतिबंध जारी है।
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