एफएआईएमएस ने स्वास्थ्य मंत्रालय से एम्स दिल्ली का नाम नहीं बदलने की अपील की

Last Updated 17 Sep 2022 10:13:56 AM IST

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के फैकल्टी एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर इस संस्थान को नया नाम देने के प्रस्ताव को लेकर चिंता जतायी और कहा कि इससे संस्थान की पहचान चली जाएगी।


दिल्ली एम्स (फाइल फोटो)

‘फैकल्टी एसोसिएशन ऑफ एम्स’ (एफएआईएमएस) ने देश में सभी 23 अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थानों के नये नामकरण संबंधी सरकार के प्रस्ताव को लेकर हाल में संकाय सदस्यों की राय मांगी थी।

एफएआईएमएस द्वारा बृहस्पतिवार को मंत्री को लिखे गये पत्र के अनुसार, संकाय सदस्यों ने दिल्ली के एम्स का नाम बदलने के प्रस्ताव का विरोध किया है।

पत्र के अनुसार, दिल्ली में एम्स चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान एवं मरीज देखभाल के मिशन के साथ 1956 में स्थापित किया गया था और इस नाम के साथ एक पहचान जुड़ी है।

एसोसिएशन का कहना है कि यदि पहचान चली जाएगी, तो देश-विदेश में संस्थान की पहचान खत्म हो जाएगी।

पत्र में कहा गया है, ‘‘यही वजह है कि प्रसिद्ध और स्थापित संस्थानों का नाम सदियों से एक ही रहा है जैसे ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज और हार्वर्ड विश्वविद्यालय।’’

एफएआईएमएस ने कहा कि यदि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता है तो इससे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान की पहचान को बड़ा नुकसान पहुंचेगा और मनोबल भी गिरेगा।

पत्र में कहा गया है, ‘‘इसलिए, एफएआईएमएस आपसे अनुरोध करता है कि कृपया एम्स दिल्ली का नाम बदलने के किसी प्रस्ताव पर गौर नहीं करें।’’

भाषा
नयी दिल्ली


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