Parliament: भ्रष्ट PM-CM को हटाने वाला बिल लोकसभा में पेश, विपक्ष ने किया विरोध,अमित शाह बोले- JPC के पास भेजेंगे

Last Updated 20 Aug 2025 04:20:15 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पेश संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजने का प्रस्ताव पेश किया गया।


लोकसभा ने बुधवार को दूरगामी परिणामों वाले एक संविधान संशोधन विधेयक समेत तीन विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को विचारार्थ भेज दिया। इन विधेयकों को पेश किए जाने और अन्य मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच सदन की बैठक तीन बार के स्थगन के बाद शाम पांच बजे तक स्थगित कर दी गई।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के विरोध और हंगामे के बीच सदन में ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025’, ‘संघ राज्य क्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक, 2025’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025’ पेश किए। बाद में उनके प्रस्ताव पर सदन ने तीनों विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को भेजने का निर्णय लिया।

समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सदस्य होंगे और यह अपनी रिपोर्ट अगले संसद सत्र के प्रथम सप्ताह के अंतिम दिन तक पेश करेगी।

संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 में प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को गंभीर अपराध के आरोपों में पद से हटाने का प्रावधान है। विपक्ष के सदस्यों ने विशेष रूप से इस विधेयक को पेश किए जाने पर जोरदार विरोध दर्ज कराया।

इस कारण सदन की बैठक पहले करीब 45 मिनट के लिए अपराह्न तीन बजे तक और फिर शाम पांच बजे तक स्थगित कर दी गई।

विपक्ष की ओर से एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस के मनीष तिवारी और केसी वेणुगोपाल, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन और समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने विधेयकों को पेश किए जाने का विरोध किया।

प्रेमचंद्रन ने कहा कि तीनों विधेयकों को सदन में पेश करने की सरकार को इतनी हड़बड़ी क्यों है?

इस पर गृह मंत्री शाह ने कहा कि प्रेमचंद्रन जल्दबाजी की बात कर रहे हैं, लेकिन ‘‘इसका सवाल इसलिए नहीं उठता क्योंकि मैं इन विधेयकों को संसद की संयुक्त समिति को सौंपने का अनुरोध करने वाला हूं। संयुक्त समिति लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष और विपक्ष के सदस्यों को मिलाकर बनेगी और इस पर विचार करके विधेयक को आपके सामने लाएगी।’’

इसके बाद कांग्रेस सांसद वेणुगोपाल ने आसन की अनुमति से बोलते हुए कहा कि भाजपा के लोग कह रहे हैं कि यह विधेयक राजनीति में शुचिता लाने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या मैं गृह मंत्री से पूछ सकता हूं कि जब वह गुजरात के गृह मंत्री थे, उन्हें गिरफ्तार किया गया था तब क्या उन्होंने नैतिकता का ध्यान रखा था?’’

गृह मंत्री ने वेणुगोपाल के बयान पर जवाब देते हुए कहा, ‘‘मैं रिकॉर्ड स्पष्ट करना चाहता हूं। मैंने गिरफ्तार होने से पहले नैतिकता के मूल्यों का हवाला देकर इस्तीफा भी दिया और जब तक अदालत से निर्दोष (साबित) नहीं हुआ, तब तक मैंने कोई संवैधानिक पद स्वीकार नहीं किया।’’

शाह ने कहा, ‘‘ये हमें क्या नैतिकता सिखाएंगे। मैं तो इस्तीफा देकर गया था। मैं तो चाहता हूं कि नैतिकता के मूल्य बढ़ें। हम ऐसे निर्लज्ज नहीं हो सकते कि हम पर आरोप लगें और हम संवैधानिक पद पर बने रहें। गिरफ्तारी से पहले मैंने इस्तीफा दिया था।’’

कुछ सदस्यों को गृह मंत्री के सामने कागज फाड़कर फेंकते हुए देखा गया।

इससे पहले एसआईआर के मुद्दे पर सदन की बैठक दो बार स्थगित हुई।

पहली बार कार्यवाही शुरू होने के एक मिनट के अंदर दोपहर 12 बजे तक और फिर 12 बजकर 15 मिनट पर कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
 

भाषा
नई दिल्ली


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