शाहीन बाग: कोरोना के मद्देनजर धरना प्रदर्शन हटाने के लिए नई अर्जी
कोरोना वायरस को महामारी घोषित किए जाने के मद्देनजर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन को हटाने के लिए एक और अर्जी उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को दाखिल की गई।
![]() शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन(फाइल फोटो) |
याचिकाकर्ता आशुतोष दुबे ने देश के किसी भी हिस्से में हो रहे इस तरह के धरना प्रदर्शन को खत्म करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।
दुबे ने न्यायमूर्ति एन. वी. रमन की खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया और मामले की त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया, लेकिन न्यायमूर्ति रमन ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश शहर में ही हैं और उनकी मौजूदगी में में इस पर वह विचार नहीं कर सकते। मुकदमों का आवंटन मुख्य न्यायाधीश भी करेंगे।
इससे पहले गत 16 मार्च को भाजपा के पूर्व विधायक और शाहीन बाग मामले में मूल याचिकाकर्ता नंदकिशोर गर्ग ने कोरोना वायरस के प्रकोप की आशंका को ध्यान में रखते हुए संबंधित इलाके से प्रदर्शनकारियों को हटाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।
दोनों ही मामलों में कहा गया है कि कोरोना वायरस लोगों के सम्पर्क में आने में बढ़ता है और जब शीर्ष अदालत से लेकर सभी अदालतों में कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए प्रयास किये जा रहे है, स्कूल, कॉलेज, मॉल और सिनेमाघर बंद कर दिए गए हैं तो ऐसे में धरने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
अर्जी में कहा गया है कि अगर देश के किसी भी हिस्से में ऐसा कोई भी प्रदर्शन हो रहा है तो उस पर भी रोक लगाने के निर्देश जारी किए जाएं।
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