दिल्ली : दंगाइयों से होगी सरकारी संपत्ति के नुकसान की वसूली
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने अभी तक कुल 254 मुकदमे दर्ज किए हैं जबकि 903 लोगों को दबोचा है। पुलिस सूत्रों की माने तो हिंसा के दौरान सरकारी संपत्ति का नुकसान पुलिस दंगाइयों से वसूलने का निर्णय लिया है जबकि जुर्माना राशि नहीं देने पर संपत्ति भी कुर्क की जा सकती है।
![]() दंगाइयों से होगी सरकारी संपत्ति के नुकसान की वसूली |
दंगे के मामले को लेकर लगातार छापेमारी चल रही है जबकि 41 मुकदमे आर्म्स एक्ट को लेकर दर्ज किए गए हैं।
शनिवार देर रात को भी सोनिया विहार के अंबे एंक्लेव में बंद पड़े एक मकान में आग लगाने की खबर मिली। हालांकि पुलिस उपद्रवियों के मकान में आग लगाने की बात से इनकार कर रही है। हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने जिले के अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज की जबकि लगातार धर पकड़ की जा रही है। अभी भी हिंसा का शिकार हुए लोग लगातार पुलिस थानों में पहुंचकर अपनी शिकायतें दे रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक चूंकि हिंसा मामले की जांच अपराध शाखा की दो एसआईटी कर रही है, इसलिए एफआईआर दर्ज कर धीरे-धीरे केसों की जांच एसआईटी को ट्रांसफर की जा रही है।
पुलिस को हिंसा से जुड़ी सीसीटीवी व वीडियो फुटेज लगातार मिल रही हैं। उधर, दंगों के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के कर्मी अंकित शर्मा की हत्या के आरोपी पाषर्द ताहिर हुसैन और दंगे के दौरान दीपक दहिया नामक पुलिसकर्मी पर पिस्टल तानने वाले फरार शाहरूख पठान का कुछ पता नहीं चल सका है। आम आदमी पार्टी से निलंबित पाषर्द ताहिर हुसैन की तलाश में क्राइम ब्रांच की एसआईटी उसके सभी संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। वह गत 25 फरवरी से ही परिवार को लेकर अंडर ग्राउंड है।
पुलिस ने शनिवार को भी दिल्ली से लेकर ताहिर के पैतृक गांव अमरोहा तक छापेमारी की मगर उसका कहीं कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने ताहिर हुसैन के रिश्तेदारों व उसके करीबियों की लिस्ट तैयार कर ली है। पुलिस उनसे भी पूछताछ कर रही है। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मंदीप सिंह रंधावा ने दावा किया कि अब हिंसा प्रभावित इलाकों में स्थिति पूरी तरह से कंट्रोल में है।
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