Bihar Chakka Jam: वोटर लिस्ट रिवीजन के खिलाफ आज बिहार बंद, सड़कों पर उतरे तेजस्वी-राहुल; कहीं ट्रेने रोकी तो कहीं यातायात जाम
बिहार में चल रहे मतदाता सूची पुनरीक्षण के विरोध में महागठबंधन ने आज (बुधवार) बिहार बंद का आह्वान किया है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के घटक दल के नेता आयकर गोलंबर से निर्वाचन कार्यालय तक विरोध मार्च करेंगे।
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बिहार में महागठबंधन की हड़ताल का सुबह-सुबह ही व्यापक असर दिखाई दे रहा है। बुधवार को राज्य के अलग-अलग इलाकों में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने वाहनों के चक्का जाम कर दिए। पटना, जहानाबाद और दरभंगा में ट्रेनों को भी रोक दिया गया तो कुछ जगह हाईवे बंद कर दिए गए। कई जगहों पर सड़कें जाम हैं और टायर जलाकर प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद के नेता तेजस्वी यादव भी 'बंद' में हिस्सा लेंगे, जिससे बिहार में हंगामा और बढ़ने की संभावना है।
इसी बीच नेता प्रतिपक्ष और RJD नेता तेजस्वी यादव ने कहा, "आज पूरा बिहार बंद है, चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता पूरी तरह खो चुका है। वोटर लिस्ट से गरीब लोगों के नाम हटाने की बड़े पैमाने पर तैयारी चल रही है, पहले ये नाम हटाए जाएंगे, फिर पेंशन, फिर राशन हटाएंगे, इसी को लेकर महागठबंधन के दलों ने बिहार बंद का ऐलान किया है। इसके साथ ही ट्रेड यूनियनों ने भी बंद का ऐलान किया है, हम उनका समर्थन करते हैं... राहुल गांधी भी इसमें उनका साथ देने आ रहे हैं... चुनाव आयोग एक राजनीतिक दल का प्रकोष्ठ बन गया है। चुनाव आयोग खुद कन्फ्यूज है... हम हर मंच पर लड़ेंगे, चाहे वह सड़क हो, सदन हो या न्यायालय..."
बड़ी संख्या में विपक्षी दलों के नेताओं ने पटना के महात्मा गांधी सेतु पर टायर जलाकर सड़क यातायात बाधित कर दिया।
पूर्णिया से लोकसभा के निर्दलीय सदस्य राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव अपने समर्थकों के साथ ‘सचिवालय हॉल्ट‘ रेलवे स्टेशन पहुंचे और उन्होंने रेल यातायात बाधित करने की कोशिश की।
यादव के समर्थकों ने पटना के कई इलाकों के साथ-साथ अररिया, पूर्णिया, कटिहार और मुजफ्फरपुर सहित राज्य के अन्य हिस्सों में भी रेल और सड़क यातायात बाधित कर दिया।
उन्होंने पटना में पत्रकारों से कहा, ‘‘निर्वाचन आयोग मतदाता सूची के अपने विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के जरिए प्रवासियों, दलितों, महादलितों और गरीब मतदाताओं से मताधिकार छीन रहा है। यह इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों से पहले मतदान को बाधित करने की एक साजिश है।’’
राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कार्यकर्ताओं ने अरवल, जहानाबाद और दरभंगा में भी बिहार बंद के समर्थन में टायर जलाए और सड़कें बाधित कीं।
इस बीच, पटना जिले के विभिन्न हिस्सों में नगर पंचायतों के उपचुनाव के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है।
बिहार बंद' में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी‚ महागठबंधन समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव‚ भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव ड़ी राजा‚ माकपा के राष्ट्रीय महासचिव एमए बेबी‚ भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और वीआईपी के संरक्षक मुकेश सहनी सहित कई नेता शामिल होंगे।
तय कार्यक्रम के अनुसार मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय का घेराव करना है। बता दें कि विपक्षी दल के नेताओं का कहना है कि मतदाता गहन पुनरीक्षण(SIR) को तुरंत रोका जाए। उनका कहना है कि इसे विधानसभा चुनाव के बाद कराया जाए। विपक्ष का कहना है कि वोटर लिस्ट रिवीजन में जिन 11 दस्तावेजों की मांग की जा रही है वह गरीबों के पास नहीं हैं।
विपक्ष ने इसे 'वोटबंदी' बताते हुए विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।
बंद से सभी आवश्यक सेवाओं को बाहर रखा गया है। जिला से लेकर बूथ स्तरीय इंडिया गठबंधन–समन्वय समितियां पूरी सक्रियता के साथ इस आंदोलन को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए तैयार हैं। राजधानी पटना में सुबह नौ बजे आयकर गोलंबर से मार्च निकलेगा और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय तक जायेगा।
महागठबंधन द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि देश के 10 ट्रेड यूनियन ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ 9 जुलाई को राष्ट्रीय मजदूर हडताल का आह्वान किया है। मोदी सरकार ने दशकों से स्थापित 44 श्रम कानूनों का निषेध कर 4 लेबर कोड बनाने का फैसला किया है‚ जो श्रमिकों के अधिकारों पर कुठाराघात है।
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडि़या' की समन्वय समिति की तीन जुलाई को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि हाल में मतदाता पुनरीक्षण के माध्यम से मोदी सरकार के इशारे पर साजिशन भारतीय चुनाव आयोग द्वारा बिहार के प्रवासी मजदूरों‚ गरीबों और आम मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने के हिटलरशाही कार्रवाई को भी उपरोक्त मुहिम में शामिल कर मजदूर संगठनों के देशव्यापी हडताल को पूर्ण सक्रियता के साथ सड़क पर उतरकर समर्थन देना होगा।
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