केंद्र ने दिल्ली सरकार को दिए 1116 करोड़
केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए पेश बजट में दिल्ली सरकार को 1116 करोड़ रुपए दिए गए है। सरकार ने पिछले बजट में भी दिल्ली सरकार को 1112 करोड़ रुपए की राशि दी थी।
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केंद्रीय करों में दिल्ली सरकार को हिस्सेदारी के तौर पर 325 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसी प्रकार विभिन्न विभागों के केंद्रीय सहायता मद में 626 करोड़ की राशि दिल्ली सरकार को दी है। जीका (जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी) के लोन भुगतान मद में दिल्ली सरकार को 150 करोड़ की राशि प्रदान की गई है। राजधानी के सिख दंगा पीड़ितों को भुगतान करने के मद में दस करोड़ की राशि दी गई है व आपदा प्रबंधन मद में पांच करोड़ की राशि दी गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली को बजट से बहुत उम्मीदें थी, लेकिन एक बार फिर दिल्ली वालों के साथ सौतेला व्यवहार हुआ।
पुलिस को 8,610 करोड़ आवंटित
बजट में इस बार दिल्ली पुलिस को 8,610 करोड़ रु पए मिले हैं जो पिछले बजट की तुलना में 726 करोड़ 45 लाख अधिक है। साल 2019 में दिल्ली पुलिस को 7,892 करोड़ रु पए मिले थे। पुलिस का कहना है कि इस बार अधिक बजट मिलने से दिल्ली पुलिस को और अधिक हाईटेक बनाने में मदद मिलेगी।
इस साल मिलने वाले बजट से रोड सेफ्टी सेल, शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने व पीसीआर की सेवा दुरुस्त करने आदि मद में खर्च किए जाएंगे। आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। पुलिसकर्मिंयों के लिए वाहन, असलाह, सिग्नल, ब्लींकर, इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम व अन्य उपकरण खरीदे जाएंगे। पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के कार्यालय व आवासीय भवन के निर्माण में खर्च किए जाएंगे।
निर्भया यानी महिला सुरक्षा की मद में मिलने वाले अतिरिक्त बजट से महिला सुरक्षा के लिए तकनीक व उपकरण सहित स्कूलों व कॉलेजों में आत्मरक्षा शिविर के आयोजन पर खर्च किया जाएगा। पुलिस के अतिरिक्त जन संपर्क अधिकारी एसीपी अनिल मित्तल ने बताया कि अधिक बजट मिलने से जहां इसका प्रयोग पुलिस बल को आधुनिक बनाने में किया जाएगा वहीं महिला सुरक्षा के लिए अलग से कार्यक्रम जहां बनाए जाएंगे और अभियान भी चलाया जाएगा।
मेट्रो को 130 करोड़ कम मिले
दिल्ली मेट्रो रेल को इस बार बजट में पिछले साल की तुलना में 130 करोड़ रुपए कम मिला है। पिछले साल मेट्रो को 17611.99 करोड़ मिला था, जबकि इस बार 17482.00 करोड़ का प्रावधान किया गया है। बजट में इस बार मेट्रो को किसी भी तरह के ग्रांट का प्रावधान नहीं है। पिछले बजट में ग्रांट के तौर पर मेट्रो को 414.70 करोड़ मिला था। इस बार केंद्र की ओर से सहायता के तौर (विभिन्न मदो में) मिलने वाली सहायता राशि 13074 करोड़ है, जो पिछले साल की तुलना में 859.07 करोड़ अधिक है। वर्ष 2018-19 में इस मद में मेट्रो को 10373.60 करोड़ रुपए मिला था, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 12214.93 करोड़ हो गया। इस बार इसे ही सरकार ने बढ़ाकर 13074 करोड़ रुपए कर दिया। मेट्रो के विकास के लिए बजट में 1152 करोड़ के कर्ज का भी प्रावधान है, जबकि इन्वेस्टमेंट और शेयर मार्केट से 3256 करोड़ रुपए एकत्र करने की बात कही गई है।
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