JNU छात्रों के प्रदर्शन में शामिल हुए विपक्षी नेता
नागरिक संस्थाओं के सदस्यों और छात्रों समेत सैकड़ों लोगों ने जेएनयू में हुए हमले के विरोध में गुरुवार को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन किया और विश्वविद्यालय के कुलपति के इस्तीफे की मांग की।
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माकपा नेता सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, बृंदा करात, भाकपा महासचिव डी राजा और लोकतांत्रिक जनता दल के प्रमुख शरद यादव भी जुलूस में शामिल थे।
हाथ में तख्तियां लेकर प्रदर्शनकारियों ने मंडी हाउस से जुलूस निकाला।
प्रदर्शनकारी हल्ला बोल और इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे।
तख्तियों पर ‘सीएए नहीं, एनआरसी नहीं’, ‘विश्वविद्यालय परिसर में घुसने पर एबीवीपी पर प्रतिबंध लगाओ’, ‘हिंसा त्याग करो’, ‘शिक्षा खरीदने बेचने की चीज नहीं है’ के नारे लिखे हुए थे।
भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए बृंदा करात ने कहा, ‘‘लोगों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है और यह वो लोग स्वीकार नहीं करना चाहते। वे फर्जी कहानियां बुन रहे हैं कि विरोध का छात्रों से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि यह राजनैतिक है।’’
येचुरी ने कहा, ‘‘तीन घंटे तक नकाबपोशों ने विश्वविद्यालय के छात्रों को पीटा। वे परिसर में घुसे तब पुलिस मुख्य द्वार पर मौजूद थी।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपति की जानकारी के बिना घटना नहीं हो सकती थी और कुलपति को जाना चाहिए।
इस दौरान दिल्ली पुलिस ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ बढ़ रहे छात्रों और नागरिक संस्थाओं के सदस्यों के जुलूस को शास्त्री भवन के पास रोक दिया।
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