एफसीआरए मामला : आनंद ग्रोवर और इंदिरा जयसिंह को नोटिस

Last Updated 15 Nov 2019 06:20:54 AM IST

उच्चतम न्यायालय ने विदेशी चंदा (विनियमन) कानून (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन के मामले में सीबीआई की अपील पर बृहस्पतिवार को गैर सरकारी संगठन लायर्स कलेक्टिव और उसकी संस्थापक सदस्य इन्दिरा जयसिंह और उनके पति आनंद ग्रोवर को नोटिस जारी किए।


आनंद ग्रोवर और इंदिरा जयसिंह (File photo)

सीबीआई ने बंबई उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें इन्हें किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण प्रदान किया गया था।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने दोनों वरिष्ठ अधिवक्ताओं और गैर सरकारी संगठन को नोटिस जारी किए। हालांकि, शीर्ष अदालत ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। सीबीआई ने गैर सरकारी संगठन लायर्स कलेक्टिव को मिले विदेशी धन के उपयोग के संबंध में आनंद ग्रोवर और गैर सरकारी संगठन के खिलाफ एफसीआरए के कथित उल्लंघन का मामला दर्ज किया था।
जांच आयोग का कहना था कि उच्च न्यायालय ने आरोपी पक्षकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बारे में ऐसा कोई निष्कर्ष नहीं निकाला कि यह कानून की नजर में गलत है और न ही ऐसे किसी फैसले का हवाला दिया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ जांच जारी रखना किस तरह से कानून के खिलाफ है।

आनंद ग्रोवर और उनकी पत्नी इन्दिरा जयसिंह ने उनके और उनकी संस्था के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कराने के लिए जून में बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। जांच ब्यूरो ने एफसीआरए के प्रावधानों के कथित उल्लंघन के बारे में गृह मंत्रालय की शिकायत पर मई में यह प्राथमिकी दर्ज की थी। इस प्राथमिकी में इन्दिरा जयसिंह का आरोपी के रूप में नाम नहीं था, लेकिन गृह मंत्रालय की शिकायत, जो प्राथमिकी का हिस्सा है, में उनके नाम का उल्लेख है और उनके खिलाफ स्पष्ट आरोप लगाए गए हैं। 
सीबीआई का आरोप है कि गैर सरकारी संगठन ने 2009 से 2015 के दौरान विदेश से धन प्राप्त किया, लेकिन इसके एक बड़े हिस्से की जानकारी नहीं दी। जांच ब्यूरो ने कहा कि ग्रोवर और जयसिंह ने विदेश से मिले धन का उपायोग अपने ‘निजी लाभ’ के लिए किया।

भाषा
नई दिल्ली


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