हिंदुराव में आज से हड़ताल, ऑपरेशन भी टले
हिंदुराव अस्पताल के डॉक्टरों को वेतन न मिलने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। सोमवार से अस्पताल के डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं।
हिंदुराव में आज से हड़ताल, ऑपरेशन भी टले |
रविवार देर शाम तक डॉक्टरों के खाते में वेतन न आने से सोमवार सुबह 9 बजे हड़ताल का ऐलान करेंगे। यह जानकारी रविवार को डॉक्टरों के संगठन ने दी। इससे पहले रेजीडेंट डॉक्टर पिछले दो दिनों से तीन तीन घंटे की हड़ताल पर थे। ऐसे में ओपीडी में आने वाले मरीजों के साथ-साथ इमरजेंसी और ऑपरेशन वाले मरीजों को भी समस्याओं से जूझना पड़ेगा।
अस्पताल की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के महासचिव डॉ. संजीव चौधरी बताते हैं कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के इस अस्पताल में 980 बेड है। इसकी ओपीडी में रोजाना चार हजार, इमरजेंसी में एक हजार मरीज आते हैं। बताया जा रहा है कि हड़ताल को देखते हुए सोमवार को पहले से ही तय करीब 100 मरीजों के ऑपरेशन को टालना पड़ गया है।
डॉ. चौधरी का कहना है कि अस्पताल प्रशासन और निगम की तरफ से वेतन को लेकर अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है। उन्होंने कहा कि सोमवार से शुरू होने वाली अनिश्चिकालीन हड़ताल तब तक की जाएगी जब तक वेतन नहीं दी जाती। उनका कहना है कि तीन महीने से वे शांति से बातचीत के जरिए वेतन का इंतजार कर रहे थे लेकिन अब मजबूरन उन्हें हड़ताल का सहारा लेना पड़ रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि मरीजों को परेशान करना हमारा मकसद नहीं है लेकिन प्रशासन के खिलाफ यह कदम उठाना बेहद जरूरी है। अस्पताल में आने वाले मरीजों और तिमारदारों को पहले ही बता दिया गया है कि सोमवार से अस्पताल के डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। ऐसे में वह दूसरे अस्पतालों का रूख करें तो वही बेहतर है।
500 रेजिडेंट्स डाक्टर की जगह लेंगे फैकल्टी
नार्थ दिल्ली म्यूनिसिपल कारपोरेशन के सिविल लाइन्स स्थित बिस्तरों और सुविधाओं के मामले में सबसे बड़े अस्पताल हिंदुराव में सोमवार से 500 से अधिक रेजिडेंट्स डाक्टर्स के बेमियादी हड़ताल पर रहने से यहां उपचाराधीन 2344 मरीजों की जान सांसत में पड़ सकती है। अस्पताल के क्लीनिकल सर्जिकल यूनिट और ट्रसरी ट्रामा यूनिट से प्राप्त डाटा के अनुसार यहां पर 22 फीसद ऐसे मरीज उपचाराधीन हैं जिन्हें शिफ्ट नहीं किया जा सकता है। उनमें मल्टीपल इंजरीज है जबकि 12 फीसद ऐसे रोगी हैं जिनकी सर्जरियां सोमवार को पूर्व निर्धारित हैं। इसी तरह से स्त्री एवं प्रसूति यूनिट में 45 प्रसूताएं यहां पोस्ट ऑपरेटिव कक्ष में भर्ती हैं। इनकी सिजेरियन डिलीवरी होने की वजह से उन्हें अन्यत्र शिफ्ट नहीं किया जा सकता । एक डाक्टर ने कहा कि सोमवार को पूर्व निर्धारित करीब 24 से अधिक बड़ी और सूक्ष्म सर्जरियां लटक सकती हैं।
बढ़ेंगी मरीजों की दिक्कतें : डाक्टरों, नर्सिग स्टाफ के हड़ताल पर जाने के फैसले से यहां उपाचाराधीन मरीजों की दिक्कतें कम होती नजर नहीं आ रही है। रविवार को मेडिसिन वार्ड में उपचाराधीन मोहित ने कहा कि इसके पहले बीते तीन दिनों से डाक्टर ओपीडी के दौरान तीन घंटे की सांकेतिक हड़ताल कर रहे थे। अब वह बेमियादी हड़ताल पर जा रहे हैं।
अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डा. संगीता ने कहा कि रेजिडेट्स डाक्टर्स की संख्या करीब 500 है, उनकी जगह हम सोमवार को फैकल्टी डाक्टरों की स्वास्थ्य सेवाएं बहाल करने का प्रयास करेंगे। हालांकि इसके इतर एनडीएमसी में स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त आयुक्त जय राम नाइक ने चेतावनी दी है कि हड़ताल करना समस्या का हल नहीं है, विरोध करने के लिए डाक्टर अन्य तरीके भी अपना सकते हैं। स्वास्थ्य सेवाएं बाधित करने वाले डाक्टरों के खिलाफ हम प्रशासनिक कार्रवाई करने के लिए विवश हो सकते हैं।
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