दिल्ली: निजी अस्पतालों और डॉक्टरों को उच्च न्यायालय का नोटिस
दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एवं निजी अस्पतालों के लिए ‘क्रिटिकल केयर गाइडलाइंस’ (नाजुक हालत में देखभाल के दिशानिर्देश) तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
निजी अस्पतालों और डॉक्टरों को उच्च न्यायालय का नोटिस |
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उस अर्जी पर दिल्ली सरकार एवं तीन स्थानीय निजी अस्पतालों से जवाब तलब किया जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एवं निजी अस्पतालों के लिए ‘क्रिटिकल केयर गाइडलाइंस’ (नाजुक हालत में देखभाल के दिशानिर्देश) तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
अदालत ने तीन निजी अस्पतालों के पांच चिकित्सकों से भी कहा कि वे एक महिला की ओर से दायर अर्जी पर अपने जवाब दाखिल करें। याचिकाकर्ता महिला की मां की मौत दिल का दौरा पड़ने के बाद कथित चिकित्सीय लापरवाही के कारण हो गई थी। न्यायमूर्ति विभु बाखरू ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 अप्रैल की तारीख तय की है।
दिल्ली सरकार को इस अर्जी पर पहले भी जवाब दाखिल करने को कहा गया था, लेकिन अब उसे जवाब देने के लिए और मोहलत दी गई है।
अमेरिका में न्यूरोसाइंटिस्ट के तौर पर काम करने वाली याचिकाकर्ता महिला ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाले सभी डॉक्टरों एवं नसरें को नाजुक वक्त में देखभाल का बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान करने का निर्देश दे।
इससे पहले, अदालत ने पैरामेडिकल कर्मियों को मरीजों की नाजुक हालत के वक्त उनकी उचित देखभाल के लिए समुचित प्रशिक्षण की जरूरत पर जोर दिया था।
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