यमुना नदी के 2% हिस्से में नदी का 76% प्रदूषण

Last Updated 10 Dec 2018 02:00:20 AM IST

यमुना नदी के महज दो फीसद हिस्से में नदी का 76 फीसद प्रदूषण समाया है। नदी की सफाई पर निगरानी करने वाली एक समिति ने यह जानकारी दी।




यमुना के 2% हिस्से में 76% प्रदूषण

समिति ने यह भी कहा कि नदी अपने जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रही है और यमुना का पुनर्द्धार तब तक संभव नहीं है, जब तक कि उसे न्यूनतम पर्यावरणीय प्रवाह नहीं उपलब्ध कराई जाए क्योंकि कुछ हिस्सों में इसका जलस्तर बिल्कुल छिछला हो जाता है जबकि कुछ हिस्सों में यह साल में नौ महीने सूखी ही रहती हैं।  ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एके गोयल ने जुलाई में सेवानिवृत्त विशेषज्ञ सदस्य बीएस सजवान और दिल्ली की पूर्व मुख्य सचिव शैलजा चंद्रा की निगरानी समिति गठित की थी और 31 दिसम्बर तक नदी की सफाई पर एक कार्ययोजना एवं विस्तृत रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था। समिति ने दिल्ली सरकार को अपनी विस्तृत रिपोर्ट दे दी है।

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि यमुना नदी पल्ला से बदरपुर के बीच सिर्फ 54 किलोमीटर दिल्ली से होकर गुजरती है, वजीराबाद से ओखला के बीच का 22 किलोमीटर हिस्सा नदी की कुल लंबाई का दो फीसद से भी कम है, लेकिल उसमें 76 फीसद  प्रदूषण है। यमुनोत्री से निकलकर इलाहाबाद के संगम में जाकर मिलने तक यमुना की लंबाई 1370 किलोमीटर है।
वजीराबाद से ओखला के बीच के इस दो फीसद हिस्से में गैर शोधित औद्योगिक एवं घरेलू अपशिष्टों का प्रवाह सबसे अधिक देखा जाता है। समिति ने सुझाव दिया है कि सीपीसीबी, डीपीसीसी और आईआईटी दिल्ली या एनईईआरआई जैसे अन्य संस्थानों से वैज्ञानिकों की टीम गठित की जाए, जो इसकी उपचारात्मक कार्रवाई के लिए उसे रिपोर्ट पेश करे।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment