समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव आठ अक्टूबर को पार्टी के संस्थापक सदस्य आज़म खान से मिलने रामपुर जायेंगे।

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आजम खान लगभग दो साल बाद जेल से रिहा हुए हैं।
रामपुर जाकर आजम खान से मिलने के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा, ‘‘हमने यात्रा (की तिथि) तय कर ली है। मैं जाऊंगा।’’
पार्टी सूत्रों के अनुसार, यादव चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे से एक निजी विमान से बरेली के लिए रवाना होंगे और वहां से कार से रामपुर जायेंगे।
यादव के साथ रामपुर के सांसद मोहिबुल्ला नदवी भी जा सकते हैं, जिन्हें पार्टी ने आजम खान की इच्छा के विरुद्ध 2024 के लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था।
मंगलवार को सीतापुर जेल से रिहा हुए आजम खान ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल होने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया था।
रामपुर से 10 बार विधायक रहे आजम खान पर जमीन हड़पने और भ्रष्टाचार के आरोपों समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिन्हें उन्होंने बार-बार राजनीति से प्रेरित बताया है।
उनकी हालिया रिहाई इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पिछले हफ़्ते ‘क्वालिटी बार’ भूमि अतिक्रमण मामले में जमानत दिए जाने के बाद हुई है, जिसमें उनका नाम प्राथमिकी दर्ज होने के लगभग पांच साल बाद दोबारा जांच के दौरान जोड़ा गया था।
जेल से रिहा होने के बाद, यादव ने कहा था कि अगर 2027 के विधानसभा चुनाव में सपा सत्ता में आती है, तो उनके खिलाफ सभी मामले वापस ले लिए जायेंगे।
आजम खान (77) ने कहा था, ‘‘मुझे विश्वास है कि मैं बेदाग निकलूंगा। मुझे विश्वास है कि मुझे उच्च न्यायालय से न्याय मिलेगा और अगर नहीं, तो उच्चतम न्यायालय से अवश्य ही। शायद वह स्थिति न आए।’’
दल बदलने की अटकलों को खारिज करते हुए, सपा के संस्थापक सदस्य ने कहा था, ‘‘हमारे पास चरित्र नाम की एक चीज है। चरित्र का मतलब यह नहीं है कि हम किसी पद पर हैं या नहीं; इसका मतलब है कि लोग हमें प्यार और सम्मान देते हैं। और हम बिकाऊ नहीं हैं, हमने यह साबित कर दिया है।’’
शिवपाल सिंह यादव के उनसे मिलने आने की अटकलों पर, खान ने भावुक होते हुए कहा था, ‘‘मैंने पांच साल एक छोटी सी कोठरी में अकेले बिताए हैं। किसी के इंतज़ार का एहसास अब खत्म हो गया है।’’
सपा में बने रहने के सवाल पर, आजम खान ने साफ़ शब्दों में कहा था, ‘‘न बने रहने का सवाल ही क्या है?’’
उन्होंने बसपा से किसी भी तरह के संपर्क की अटकलों को भी खारिज करते हुए पत्रकारों से कहा था, ‘‘आपको इतनी भी समझ नहीं है।’’
बसपा सुप्रीमो मायावती नौ अक्टूबर को पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर यहां एक विशाल रैली कर रही हैं। ऐसी अटकलें थीं कि खान इसी रैली में बसपा में शामिल होंगे।
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