धर्म संसद के लिए रामलीला मैदान में ‘रामभक्तों’ का जमावड़ा

Last Updated 09 Dec 2018 04:52:14 PM IST

अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से राजधानी के रामलीला मैदान पर आज साधु - संत और महात्माओं की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए।


रामलीला मैदान में ‘रामभक्तों’ का जमावड़ा

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के आवान पर बुलाई गयी धर्म संसद में हिस्सा लेने के लिए रविवार तड़के से ही लोगों के हुजूम चारों ओर से रामलीला मैदान पहुंचे। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के उद्देश्य से राजधानी के रामलीला मैदान पर आज साधु - संत और महात्माओं की अगुवाई में बड़ी संख्या में लोग शनिवार को ही रामलीला मैदान पहुंच गये थे। देश के लगभग हर हिस्से से भगवा वेश और भगवा झंडे तथा गदा आदि लेकर लेकर आये लोगों की भीड़ से रामलीला मैदान पूरी तरह भगवा रंग में सरोबार दिखाई दे रहा था। कुछ लोग रामभक्त हनुमान के वेश में आये थे तो कुछ अयोध्या में बनने वाल राममंदिर की प्रतिकृति लेकर आये हुए थे। जनसैलाब के राममंदिर बनाने तथा जय श्री राम के नारों से आस पास का माहौल पूरी तरह राममय नजर आया।
       
विहिप द्वारा बुलाई गयी धर्म संसद को संघ परिवार से भी जोरदार समर्थन मिल रहा है। यह जनसभा शीतकालीन सा शुरू होने से ठीक दो दिन पहले सरकार पर दबाव बनाने के लिए बुलायी गयी है। विहिप के साथ इस मुहिम में शामिल हिन्दू संगठनों की मांग है कि सरकार अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए ठोस कदम उठाये।
        
भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली से सांसद महेश गिरि और रमेश विधुडी भी धर्म संसद में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे।
               
श्री गिरि ने कहा, ‘‘यह जनसभा लोगों के दुख और पीड़ा को प्रकट करती है। हिन्दुओं ने न्यायालय में आस्था जतायी थी लेकिन लगता है कि यह मामला न्यायालय की प्राथमिकता में नहीं है। यह वही न्यायपालिका है जिसने एक सजायाफ्ता आतंकवादी के मामले को आधी रात में भी सुना था। दिल्ली की सड़कों पर लोग अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए उतरे हैं।’’


      
श्री विधुड़ी ने कहा,‘‘जनसभा में लगभग पांच लाख लोगो की भीड उमडी है। रामभक्त भगवान राम के लिए भव्य मंदिर का निर्माण चाहते हैं और लोग इस काम में अब और देर बर्दाश्त नहीं कर सकते क्योंकि देरी का औचित्य नहीं है।’’

वार्ता
नयी दिल्ली


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