आनंद विवाह कानून के तहत पंजीकृत होंगी सिख शादियां

Last Updated 03 Feb 2018 05:53:59 AM IST

दिल्ली में अब सिख शादियां हिंदू विवाह कानून की बजाय आनंद विवाह कानून के तहत पंजीकृत होंगी.


आनंद विवाह कानून के तहत पंजीकृत होंगी सिख शादियां

शुक्रवार को उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने राष्ट्रीय राजधानी में इस नियम को अधिसूचित करने की मंजूरी दे दी. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा कि एक-दो दिनों में आनंद विवाह कानून के नियम-कायदे अधिसूचित हो जाने के बाद सिखों को अपनी शादियों का पंजीकरण हिन्दू विवाह कानून के तहत नहीं कराना पड़ेगा. उप-राज्यपाल कार्यालय के अधिकारी ने नाम का खुलासा नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘उप-राज्यपाल ने आनंद विवाह कानून को लागू करने के बाबत दिल्ली सरकार की फाइल को मंजूरी दे दी है. दिल्ली राजस्व विभाग अब इसे अधिसूचित करेगा.’
साल 2012 में केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने आनंद विवाह कानून को संसद से मंजूरी दिलाई थी, लेकिन दिल्ली में इसे अब तक लागू नहीं किया गया था. भाजपा-शिरोमणि अकाली दल गठबंधन के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि आनंद विवाह कानून को लागू करने की मांग पहली बार 110 साल पहले की गई थी.

राजौरी गार्डन से विधायक सिरसा ने कहा, ‘दिल्ली में इस कानून को लागू करने को लेकर मैं उप-राज्यपाल अनिल बैजल का शुवगुजार हूं, क्योंकि यह लंबे समय से सिख समुदाय की मांग थी.’
सिख संगठनों की शिकायत थी कि उनके प्रमाण-पत्र हिन्दू विवाह कानून के तहत जारी होने के कारण उनके समुदाय के लोगों को विदेशों में समस्याओं का सामना करना पडता है. पिछले महीने दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा था कि आनंद विवाह कानून के तहत प्रावधानों को तैयार करने का काम अंतिम चरण में है. बीते दिसम्बर में आम आदमी पार्टी आपी के विधायकों की अगुवाई वाले एक सिख प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली सरकार से अनुरोध किया था कि आनंद विवाह कानून के प्रावधानों को जल्द से जल्द लागू किया जाए.

भाषा


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